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आज मनाई जा रही मकर संक्रांति; देश-भर के मंदिरों में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, 65 लाख लोगों ने लगाई गंगा-सागर में डुबकी

Makar Sankranti: मकर संक्रांति के मौके पर स्नान-दान की बहुत महत्ता है. इस मौके पर देश-भर के मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ रही है.

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Manish Pandey
मकर संक्रांति

हाइलाइट्स

  • आज से शुरू होंगे शुभ-कार्य
  • अब 6 महीने तक सूर्य रहेगा उत्तरायण

Makar Sankranti: आज (15 जनवरी) को देश-भर में मकर संक्रांति का त्योहार मनाया जा रहा है. ये त्योहार सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने पर मनाया जाता है. मकर संक्रांति को उत्तरायण भी कहा जाता है, क्योंकि आज के ही दिन दक्षिणायन समाप्त होता है और अब से 6 महीने तक सूर्य उत्तरायण रहेगा. सूर्य के उत्तरायण होने के साथ ही खरमास खत्म हो जाएगा और सारे शुभ और मांगलिक कार्यों की शुरुआत होगी. मकर संक्रांति पर गुड़-तिल का खास महत्व होता है. इसके साथ ही इस दिन स्नान-दान की भी बहुत महिमा है. इसके अलावा आज के दिन खिचड़ी खाने से ग्रहों की दशा सुधरती है. इसलिए भारत के कई हिस्सों में मकर संक्रांति को खिचड़ी भी कहा जाता है. 

मकर संक्रांति पर स्नान-दान का महत्व 

मकर संक्रांति के मौके पर स्नान-दान का विशेष महत्व होता है. आज के दिन गंगा स्नान को काफी शुभ माना गया है. इसलिए आज के दिन गंगा-सागर में करोड़ों लोगों की भीड़ जुटती है. मकर संक्रांति पर गंगा स्नान के बाद तिल, गुड़, चूड़ा-दही, खिचड़ी का दान करने से सभी ग्रह प्रसन्न होते हैं और इसका फल जन्म-जन्मांतर तक मिलता है. 

65 लाख लोगों ने लगाई गंगा-सागर में डुबकी 

मकर-संक्रांति के मौके पर गंगा स्नान बहुत शुभ माना गया है. पश्चिम बंगाल के गंगा-सागर में, अर्थात जहां गंगा और सागर (बंगाल की खाड़ी) एक जगह पर मिलते हैं, स्नान के लिए देश के हर कोने से लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं. करीब हफ्ते भर पहले से ही यहाँ श्रद्धालुओं की भीड़ जुटने लगती है. इस साल गंगा-सागर में करीब 65 लाख लोगों ने मकर संक्रांति के मौके पर पुण्य-स्नान किया. 

सबरीमाला मंदिर की मकर ज्योति को देखने पहुंचे भक्त 

केरल के सबरीमाला मंदिर में भी मकर संक्रांति के मौके पर भाड़ी भीड़ उमड़ती है. कहा जाता है कि मकर संक्रांति के दिन भगवान अयप्पा स्वामी साक्षात अपने भक्तों को दर्शन देने आते हैं. दरअसल हर साल मकर संक्रांति के अवसर पर पंडालम राजमहल से अय्यप्पा के आभूषणों को संदूकों में रखकर एक भव्य शोभायात्रा निकाली जाती है. जब ये शोभायात्रा सबरीमाला पहुंचती है तो इसी दिन यहां एक अद्भुत घटना होती है.

कहा जाता है कि पहाड़ी की कांतामाला चोटी पर असाधारण चमक वाली ज्योति दिखाई देती है. इसके साथ ही  जब-जब ये रोशनी दिखती है इसके साथ शोर भी सुनाई देता है. लोगों का मानना है कि ये देव ज्योति है और भगवान इसे जलाते हैं. इस ज्योति को मकर ज्योति कहा जाता है. इस साल भी मकर ज्योति को देखने के लिए लाखों की संख्या में भक्त सबरीमाला मंदिर पहुंचे हैं. 

तिल के उबटन से स्नान करेंगे महाकाल

मकर संक्रांति के पावन अवसर पर उज्जैन के महाकाल मंदिर में भी श्रद्धालुओं की भीड़ जुटी है. मकर संक्रांति के मौके पर सुबह भस्म आरती के दौरान भगवान महाकाल को तिल के उबटन से स्नान कराया गया. इसके साथ ही महाकाल को तिल के लड्डू और तिल से बने छप्पन भोग लगाकर आरती की जाएगी. इसके साथ ही इस मौके पर मंदिर को बेहद खूबसूरत और आकर्षक पतंगों से भी सजाया गया है.

महाकाल
महाकाल