अमेरिकी शार्ट सेलर फार्म हिंडनबर्ग एक बार फिर से सुर्खियों में आ गया है. हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपने खुलासे में दावा किया है कि व्हिसलब्लोअर दस्तावेजों से पता चलता है कि सेबी चेयरमेन की अडानी मनी साइफनिंग घोटाले में इस्तेमाल की गई अस्पष्ट ऑफशोर संस्थाओं में हिस्सेदारी थी. हिंडनबर्ग रिसर्च ने बीते दिनों एक्स पर एक पोस्ट किया था. इसमें एक भारतीय कंपनी से जुड़े एक और बड़े खुलासे का दावा किया गया था.
हिंडनबर्ग ने अरबपति उद्योगपति गौतम अडानी के कारोबारी समूह से जुड़ी अपनी पिछली रिपोर्ट के 18 महीने बाद एर नया ब्लॉग पोस्ट रिलीज किया. इसमें आरोप लगाया जा रहा है कि सेबी मे अडानी के मॉरीशस और आफशोर शेल संस्थाओं के कथित अघोषित जाल में आश्चर्यजनक रूप से रुचि नहीं दिखाई है. अमेरिकन शार्ट-सेलर ने व्हिसलब्लोअर दस्तावेजों का हवाला देते हुए दावा किया गया, सेबी की वर्तमान प्रमुख माधवी बुच और उनके पति के पास अडाणी धन हेराफेरी घोटाले में इस्तेमाल किए गए दोनों अस्पष्ट ऑफशोर फंड में हिस्सेदारी है.
NEW FROM US:
— Hindenburg Research (@HindenburgRes) August 10, 2024
Whistleblower Documents Reveal SEBI’s Chairperson Had Stake In Obscure Offshore Entities Used In Adani Money Siphoning Scandalhttps://t.co/3ULOLxxhkU
नई रिपोर्ट जारी करने के बाद हिंडनबर्ग ने कहा, अडानी समूह पर हमारी मूल रिपोर्ट को लगभग 18 महीने बीत चुके हैं. इस बात के पर्याप्त सबूत पेश किए जा चुके हैं कि भारतीय कारोबारी समूह (अडानी) कॉर्पोरेट इतिहास का सबसे बड़ा घोटाले में संलिप्तता रहा है. हालांकि ठोस सबूतों और 40 से अधिक स्वतंत्र मीडिया जांच के बावजूद सेबी ने अडानी समूह के खिलाफ कठोर कार्रवाई नहीं की. कार्रवाई के बजाय जून 2024 में सेबी मे हमें एक स्पष्ट कारण बताओं नोटिस भेजा.
इस रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि माधवी बुच ने अपने शेयर पति को ट्रांसफर किया. अप्रैल 2017 से लेकर मार्च 2022 के दौरान माधवी पुरी बुच सेबी की सदस्य होने के साथ चेयरपर्सन थीं.उनका सिंगापुर में अगारो पार्टनर्स नाम से कंसल्टिंग फर्म में 100 फीसदी स्टेक था. 16 मार्च 2022 को सेबी के चेयरपर्सन पर नियुक्त किए जाने से दो हफ्ते पहले उन्होंने कंपनी में अपने शेयर्स अपने पति के नाम ट्रांसफर कर दिए गए.
वहीं इस जवाब में माधवी बुच ने एक बयान देते हुए कहा कि आरोप झूठे हैं और उनका जीवन और वित्तीय स्थिति खुली किताब है.पीटीआई के अनुसार उन्होंने कहा, हमारे खिलाफ 10 अगस्त 2024 की हिंडनबर्ग रिपोर्ट में लगाए गए आरोपों के संदर्भ में हम यह कहना चाहेंगे कि हम रिपोर्ट में लगाए गए आरोपों और आक्षेपों को एक सिरे से खारिज करती हूं. इसमें कोई सच्चाई नहीं है. हमारा जीवन और वित्तीय स्थिति एक खुली किताब की तरह है. सभी जरूरी खुलासे पहले ही सेबी को वर्षों से उपलब्ध कराए जा चुके हैं.
आगे उन्होंने कहा, 'मुझे किसी भी वित्तीय दस्तावेजों का खुलासा करने में कोई हिचकिचाहट नहीं है. मैं सभी को वह दस्तावेज दिखा सकती हूं जो आरोप इस रिपोर्ट में लगाया गया है. किसी भी अधिकारी के सामने पेश कर सकती हूं. इसके अलावा पूर्ण पारदर्शिता के हित में हम जल्द एक बयान जारी करेंगे'.