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Lok sabha Elections 2024: 'मोदी की गारंटी Vs न्याय गारंटी' जानें किन बड़े 11 मुद्दों का चुनावी समर में रहेगा जोर

Lok sabha Elections 2024: 2024 लोकसभा के चुनावी तारिखों का ऐलान हो गया है. इसी बीच मोदी सरकार के 10 सालों की चर्चा इन दिनों चर्चा के केंद्र में हैं. पीएम मोदी ने अपने कार्यकाल के दौरान सुशासन से लेकर गरीब कल्याण की दिशा में कड़े और बड़े कदम उठाए है.

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Avinash Kumar Singh
Lok sabha Elections 2024

Lok sabha Elections 2024: 2024 लोकसभा का चुनावी शंखनाद हो चुका है. देश में इस बार सात चरणों में मतदान होगा. चुनावी तारीखों के ऐलान के साथ ही तमाम सियासी दल अपने चुनावी कार्यक्रमों को अंतिम रूप देने में जुटे हुए है. कांग्रेस पार्टी जहां मोदी सरकार के 10 सालों के कार्यकाल को मुद्दा बना रही है तो वहीं पीएम मोदी विकास और हिंदुत्व के रथ पर सवार होकर तीसरी बार अपनी जीत की बड़ी लकीर खिचने में लगे हुए है. ऐसे में आईए हम आपको बताते है कि किन सियासी मुद्दों के इर्द-गिर्द चुनावी जीत का चक्रव्यूह तैयार हो रहा है.

1- प्रधानमंत्री मोदी इस भरोसे से लबरेज नजर आ रहे है कि देश की जनता उन्हें तीसरी बार चौकीदारी का मौका देने जा रही है. बीजेपी ने  पूरे पॉलिटिकल स्पेक्ट्रम का नैरेटिव 'मोदी की गारंटी' मतलब गारंटी पूरी होने की गारंटी में तब्दील कर दिया है. बीजेपी विकास के एजेंडे के इसी फॉर्मूले पर चुनावी अभियान को धार दे रही है. जिसमें सुशासन, गरीब कल्याण से लेकर देश के तमाम मोर्चों पर केंद्र सरकार की उपलब्धियों को जनता तक पहुंचाना है. 

2- कांग्रेस ने लोगों के लिए 'न्याय गारंटी' लेकर आयी है. कांग्रेस पार्टी के इस योजना का मकसद युवाओं, किसानों, महिलाओं, श्रमिकों,आदिवासी, मजदूरों लिए न्याय सुनिश्चित करना है. राहुल गांधी ने भारत जोड़ो न्याय यात्राके दौरान लोगों के सामने न्याय की गारंटी योजना पेश की. उम्मीद है कि कांग्रेस का घोषणापत्र में इन बातों का जिक्र होगा. 

3- INDIA गठबंधन मोदी सरकार को  बेरोजगारी और महंगाई के मुद्दे पर जमकर घेर रही है. विपक्ष का तर्क है कि देश में नौकरियों की कमी इस वक्त देश में सबसे बड़ा मुद्दा है. विपक्ष के इन दलीलों पर बीजेपी ने रोजगार के अवसर बढ़ाने और तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था को देश की सबसे बड़ी उपलब्धि बताते है. 

4- नरेंद्र मोदी सरकार ने 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटा दिया और वहां के विशेष राज्य के दर्जे को समाप्त कर दिया. उसके बाद जम्मू- कश्मीर और लद्दाख़ दो केंद्र शासित प्रदेशों बना दिया. 

5- वहीं 26 जुलाई 2019 को लोकसभा में तीन तलाक बिल पास किया. यह बिल 30 जुलाई 2019 को राज्यसभा में भी पास हो गया. करोड़ों मुस्लिम महिलाओं की सशक्तिकरण की दिशा में मोदी सरकार का बड़ा कदम था. 

6- साल 2019 में मोदी सरकार ने नागरिकता संशोधन अधिनियम पारित किया था. राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद यह कानून बन गया. जिसे देश में बीके दिनों लागू किया गया था. इसका मकसद पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश से आए अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता प्रदान करना है. 

7- सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण हुआ था. पीएम मोदी ने 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की. पॉलिटिकल पंडितों की मानें तो बीजेपी को इसका लाभ आम चुनाव में बड़े पैमाने पर मिलने वाला है.  

8- सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड स्कीम असंवैधानिक करार देते हुए तत्काल प्रभाव से इस पर रोक लगाने का आदेश दिया है. कोर्ट के आदेश के बाद SBI ने चुनाव आयोग को चुनावी बॉन्ड का पूरा डाटा दे दिया. जिसे बीते दिनों सार्वजनिक किया गया. ऐसे में माना जा रहा है कि चुनावी अभियान के दौरान यह बड़ा विषय रहने वाला है. 

9- मोदी सरकार ने सुशासन, तेज गति से विकास और सुनहरे भविष्य की कल्पना को लेकर अमृतकाल का स्लोगन दिया है. वहीं विपक्ष बेरोजगारी, बढ़ती महंगाई, सरकारी सरकारी एजेंसियों पर कब्जा समेत तमाम मुद्दों पर मौजूदा समय को अन्याय काल करार दे रहा है.  

10- एमएसपी गारंटी कानून समेत अपनी कई मांगों को लेकर किसान आंदोलन चर्चा के केंद्र में है. विपक्ष का मोदी सरकार पर आरोप है कि सरकार ने किसानों के साथ धोखा दिया है. ऐसे में किसान इस बार के चुनावी समर में बड़ा चुनावी मुद्दा रहने वाला है. 

11- पीएम मोदी सार्वजनिक मंचों से देश को विकसित राष्ट्र बनाने का दम भरते है. विकसित भारत इस बार के चुनावी अभियान में अहम मुद्दा रहने वाला है. वहीं विपक्ष इसे  जुमला करार देते हुए BJP के इस धार को कुंद करना चाहेगी.