Loksabha Election 2024: यह साल लोकसभा चुनाव का है जिसमें ज्यादा समय बाकी नहीं बचा है. चुनाव आयोग जल्द ही चुनाव का आधिकारिक ऐलान और अधिसूचना जारी कर सकता है. इलेक्शन के लिए राजनीतिक पार्टियां अपनी तैयारी में लगी हुई है और आयोग ने भी इसके लिए कड़ी मेहनत की तैयारी कर ली है.
फिलहाल आयोग ने वोटर लिस्ट नाम से जुड़ी परेशानियों को लेकर जरूरी जानकारी दी है, जिसमें बताया गया है कि आने वाले आम चुनाव से पहले करीब 1.66 करोड़ पुराने वोटरों के नाम हटाए गए हैं. एक तरफ जहां नाम हटाए गए हैं तो वहीं दूसरी तरफ 2.68 करोड़ नए नाम जोड़ भी गए हैं. इलेक्शन कमीशन ने यह सभी जानकारियां सुप्रीम कोर्ट के समक्ष दी हैं.
सुप्रीम कोर्ट में यह जानकारी देते हुए आयोग ने बताया है कि देश में अब वोटरों की कुल संख्या 97 करोड़ हो गई है. यानी यह वे लोग होंगे जो 2024 के चुनाव के दौरान वोट कर सकते हैं. हालांकि इस अपडेटेड लिस्ट में 6 राज्य शामिल नहीं है जिसमें असम, मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मिजोरम तेलंगाना शामिल है. बाकी सभी राज्यों में वोटर लिस्ट को रिवाइज किया गया है.
असल में सुप्रीम कोर्ट में 'संविधान बचाओ ट्रस्ट' की ओर से एक याचिका दायर की गई थी, जिसमे वोटर लिस्ट को लेकर गुहार लगाई गई थी. मांग थी कि लोकसभा चुनाव से पहले वोटर लिस्ट में बदलाव किया जाए, जिसमें डुप्लीकेट नाम को हटाने से लेकर उनकी जानकारी सार्वजनिक की जाए. सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डी चंद्रचूड़ीस मामले की सुनवाई कर रहे थे इसलिए उन्होंने वोटर लिस्ट से जुड़ी जानकारी मांगी थी. इस जानकारी के तहत चुनाव आयोग ने अपनी ओर से जानकारी दी है.
आयोग ने उन लोगों के बारे में डेटा दिया है जिनकी या तो मृत्यु हो गई है या फिर उनका नाम बार-बार आ रहा था. चुनाव आयोग की तरफ से यह हलफनामा सीनियर एडवोकेट अमित शर्मा ने पेश किया था. 12 फरवरी 2024 को इस मामले की आगे की सुनवाई की जाएगी.
चुनाव आयोग साल में एक बार वोटर लिस्ट को लेकर स्पेशल समरी रिवीजन कराता है. इसको एसएसआर भी कहते हैं. असम को छोड़कर बाकी पांच राज्यों में हाल ही में विधानसभा चुनाव हुए थे इसलिए उनका रिवीजन नहीं कराया गया था. असम में परिसीमन की वजह से एसएसआर नहीं कराया गया है.
यह ध्यान देने योग्य बात है कि देश में अब आम चुनाव 2024 इसी वोटर लिस्ट के आधार पर होंगे यानी यह आयोग द्वारा जारी की गई अंतिम वोटर लिस्ट थी, जो लोकसभा चुनाव से पहले रिलीज हुई है.