Lok Sabha Election 2024 : देश की राजनीति में पिछले एक दशक से हर चुनाव में वंशवाद राजनीतिक दलों पर हमले के लिए हथियार बनाता है. पीएम मोदी अपनी रैलियों में अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग राजनीतिक घरानों पर हमला बोलते हैं. 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 'मोदी का परिवार' नाम से मुहिम चली रखी है. इसे बीजेपी अबकी बार के आम चुनाव में मुद्दा बना रही है.
वहीं आज हम आपको अपनी सीरीज में छत्तीसगढ़ कांग्रेस में परिवारवाद के बारे में बता रहे हैं. छत्तीसगढ़ की राजनीति में शुक्ल, वोरा, कर्मा, सिंहदेव, चौबे, महंत और जोगी परिवारों का दबदबा देखने के लिए मिलता है.
वर्तमान में अमितेश शुक्ला राजिम से विधायक हैं. कांग्रेस के बड़े नेता मोतीलाल वोरा परिवार के बेटे अरुण वोरा दुर्ग शहर से विधायक हैं. इन्ही के घर से अमितेश शुक्ला आते हैं. यह घराना कांग्रेस में सक्रिय है.
अगर सिंहदेव परिवार की बात करें तो टीएस सिंहदेव कांग्रेस के बड़े नेता हैं और डिप्टी सीएम भी रहे चुके हैं. इनके परिवार के सदस्य राजनीति में हैं, लकिन अभी कोई पद नहीं मिल पाया है.
चौबे परिवार से रविंद्र चौबे साजा से विधायक रहे हैं. वे भूपेश कैबिनेट में मंत्री रह चुके हैं. बस्तर में अपनी साख रखने वाला महेंद्र कर्मा का परिवार है. इनकी पत्नी देवती कर्मा 2018 में दंतेवाड़ा से विधायक बनी थीं. आज भी वह राजनीति में सक्रिय हैं.
महंत परिवार से चरणदास महंत खुद विधानसभा अध्यक्ष रह चुके हैं. उनकी पत्नी ज्योत्सना चरणदास महंत कोरबा सांसद हैं. राजनीति के जानकार बताते हैं कि कांग्रेस अकेले ही नहीं है, जो परिवारवाद का शिकार है.