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India Daily

मराठी विवाद पर ये क्या बोल गए महाराष्ट् के बीजेपी नेता, पहलगाम आतंकी हमले से की थप्पड़कांड की तुलना

महाराष्ट्र में भाषा विवाद और हिंसा ने राजनीतिक माहौल को और जटिल कर दिया है. ठाकरे बंधुओं की एकता और बीजेपी की तीखी प्रतिक्रिया से यह साफ है कि स्थानीय निकाय चुनावों में मराठी अस्मिता और कानून-व्यवस्था प्रमुख मुद्दे होंगे.

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Edited By: Mayank Tiwari
Ashish Shelar
Courtesy: Social Media

महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनावों से पहले भाषा विवाद ने राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है. इस बीच, बीजेपी नेता और महाराष्ट्र के मंत्री आशीष शेलार ने एक चौंकाने वाला बयान दिया है. उन्होंने गैर-मराठी भाषियों पर हो रही हिंसा की तुलना जम्मू-कश्मीर के पाहलगाम आतंकी हमले से की है. यह बयान उस समय आया है जब राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) पर गैर-मराठी भाषियों पर हमले और धमकियों के आरोप लग रहे हैं. 

महाराष्ट्र में मराठी और गैर-मराठी भाषियों के बीच बढ़ता तनाव अब राजनीतिक मुद्दा बन चुका है. हाल ही में मुंबई में एमएनएस कार्यकर्ताओं ने एक दुकानदार को थप्पड़ मार दिया क्योंकि उनके कर्मचारी ने हिंदी में बात की थी. इस घटना ने भाषा विवाद को और भड़का दिया है.

भाषा विवाद ने खींचीं राजनीतिक रेखाएं

आशीष शेलार ने इस हिंसा पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "पाहलगाम में लोगों को उनकी धर्म के आधार पर मारा गया. और यहाँ महाराष्ट्र में हिंदुओं को केवल उनकी भाषा के कारण निशाना बनाया जा रहा है. इन दोनों में क्या अंतर है?" पाहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में 25 पर्यटकों की धर्म के आधार पर हत्या कर दी गई थी. एक स्थानीय घुड़सवार भी हमलावरों से लड़ते हुए मारा गया. 

तीन-भाषा नीति और ठाकरे बंधुओं का पुनर्मिलन

महाराष्ट्र में तीन-भाषा नीति को लेकर विवाद तब शुरू हुआ जब उद्धव और राज ठाकरे ने इसे मराठी भाषियों पर हिंदी थोपने की कोशिश करार दिया. एमएनएस और शिवसेना (यूबीटी) के विरोध के बाद सरकार ने इस नीति को वापस ले लिया. इस मुद्दे ने ठाकरे बंधुओं को दो दशकों बाद फिर से एक मंच पर ला दिया. मुंबई में आयोजित एक विशाल रैली में दोनों ने एक-दूसरे का हाथ थामकर "विजय" का दावा किया और मराठी अस्मिता की रक्षा का संकल्प दोहराया.

रैली में उद्धव ठाकरे ने एमएनएस कार्यकर्ताओं के आक्रामक रुख का समर्थन करते हुए कहा, "अगर मराठी मानुस (व्यक्ति) न्याय मांग रहा है और आप हमें गुंडा कह रहे हैं, तो हां, हम गुंडे हैं." वहीं, राज ठाकरे ने चेतावनी दी, "महाराष्ट्र को छूकर दिखाओ, फिर देखो क्या होता है.

बीजेपी का तंज और विकास का वादा

आशीष शेलार ने ठाकरे बंधुओं के पुनर्मिलन पर तंज कसते हुए कहा, "बीजेपी संयुक्त परिवार व्यवस्था में विश्वास करती है." उन्होंने रैली पर टिप्पणी करते हुए कहा, "राज ठाकरे का भाषण अधूरा था, और उद्धव का भाषण सत्ता खोने के दर्द को दर्शाता था."शेलार ने उद्धव ठाकरे पर सत्ता के लिए गठबंधन बदलने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, "उद्धव ठाकरे सत्ता के बिना नहीं रह सकते. वे कुर्सी के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं. न विचारधारा मायने रखती है, न मराठी अस्मिता, न महाराष्ट्र. जब उन्हें मुख्यमंत्री पद नहीं मिला, तो वे बीजेपी छोड़कर कांग्रेस-एनसीपी के पास चले गए.

अब वे बीएमसी (बृहन्मुंबई नगर निगम) की सीट चाहते हैं, इसलिए किसी भी मंच पर जाने को तैयार हैं."शेलार ने यह भी आश्वासन दिया कि बीजेपी मराठियों और हिंदुओं की रक्षा करेगी. उन्होंने कहा, "हम विकास की राजनीति करते हैं, नफरत की नहीं. हम चुनाव में विकास के मुद्दे पर जाएंगे."