'पाकिस्तान जाकर डॉन के कार्यक्रम में शामिल हुए थे वांगचुक', लद्दाख के DGP ने कहा हमारे पास पक्के सबूत

लद्दाख के डीजीपी एसडी सिंह जमवाल ने पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक पर पाकिस्तानी खुफिया एजेंट से संपर्क और पड़ोसी देशों की यात्राओं का गंभीर आरोप लगाया है. 24 सितंबर की हिंसा में चार मौतों और 80 से ज्यादा घायलों के बाद एनएसए के तहत गिरफ्तार वांगचुक को जोधपुर जेल भेजा गया.

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Sagar Bhardwaj

Sonam Wangchuk Pakistan Connection: लद्दाख की बर्फीली वादियों में शांति की मांग अब सुरक्षा के सवालों से घिर गई है. सोनम वांगचुक जैसे कार्यकर्ता जो कभी जलवायु संरक्षण के प्रतीक थे आज पाकिस्तान से जुड़े आरोपों के केंद्र में हैं. डीजीपी जमवाल का दावा है कि वांगचुक की विदेश यात्राएं और संपर्क संदिग्ध हैं जो हालिया हिंसा को भड़काने का काम कर सकते हैं.

पाकिस्तानी खुफिया अधिकारी के संपर्क में थे वांगचुक

डीजीपी जमवाल ने लह में प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि हाल ही में गिरफ्तार पाकिस्तानी खुफिया अधिकारी वांगचुक से संपर्क में था और सीमा पार जानकारी भेज रहा था. वांगचुक ने पाकिस्तान के डॉन इवेंट में शिरकत की और बांग्लादेश का दौरा किया. ये तथ्य अब जांच के दायरे में हैं. जमवाल ने कहा कि वांगचुक का इतिहास उकसावे का रहा है खासकर अरब स्प्रिंग नेपाल और बांग्लादेश के आंदोलनों का जिक्र करके. यह खुलासा लद्दाख की संवेदनशील सीमा पर विदेशी हस्तक्षेप की आशंका जगाता है.

24 सितंबर की हिंसा का काला अध्याय

24 सितंबर को लेह में स्टेटहुड की मांग पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन हिंसा में बदल गया जिसमें चार लोग मारे गए 80 से ज्यादा जख्मी हुए. प्रदर्शनकारियों ने बीजेपी कार्यालय और वाहनों को आग लगा दी. केंद्र ने वांगचुक के भड़काऊ बयानों को जिम्मेदार ठहराया. एनएसए के तहत गिरफ्तारी इसी का नतीजा है. वांगचुक ने अपनी 15 दिवसीय भूख हड़ताल समाप्त की थी लेकिन हिंसा रोकने में कथित तौर पर नाकाम रहे. यह घटना लद्दाख के युवाओं के गुस्से को दर्शाती है जो अब सुरक्षा जांच के जाल में फंस गया.

फंडिंग उल्लंघन और एनजीओ पर छापा

गृह मंत्रालय ने वांगचुक के संस्थान SECMOL का FCRA लाइसेंस रद्द कर दिया. आरोप है कि विदेशी फंड का दुरुपयोग हुआ और राष्ट्रीय हित के खिलाफ फंड ट्रांसफर किए गए. वांगचुक के निजी खातों में विदेशी रकम आने की जांच चल रही है. यह कदम आंदोलन को आर्थिक साजिश से जोड़ता है जहां पर्यावरण के नाम पर राजनीतिक हस्तक्षेप का शक है. 
दो अन्य संदिग्धों को भी पकड़ा गया जिनकी नेपाली लेबरर्स से कनेक्शन जांचा जा रहा है.