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मां तो मां होती है... 3 दिनों तक बेटी की लाश के साथ रही, पुलिस ने शव छीना तो महिला के भी निकले प्राण

kolkata News: पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता से हैरान करने वाली खबर आई है. एक महिला अपने बेटी की मौत के बाद उसकी लाश के साथ तीन दिनों तक कमरे में कैद रही. इस दौरान महिला अपनी बेटी को खाना खिलाने की कोशिश करती रही. कहा जा रहा है कि जब पुलिस को जानकारी हुई और उससे लड़की की लाश को पोस्टमार्टम के लिए छीना गया, तो महिला की भी मौत हो गई.

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kolkata News woman tries to feed dead daughter dies after cops decomposed body

kolkata News: कोलकाता से हैरान करने वाली एक घटना सामने आई है. 52 साल की महिला अपनी बेटी की लाश के साथ 3 दिनों तक घर के अंदर कैद रही. महिला तीन दिनों तक अपनी मृत बेटी को खाना खिलाने और उससे बात करने की कोशिश करती रही. घटना बारानगर की है. पड़ोसियों ने पुलिस को पूरे मामले की सूचना दी. इसके बाद जांच पड़ताल करने पुलिस पहुंची. पुलिस ने देखा कि महिला की 21 साल की बेटी की मौत हो चुकी है और उसकी मां उसके पास बैठी है. इसके बाद पुलिस ने जबरन शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. कहा जा रहा है कि थोड़ी देर बाद महिला की भी मौत हो गई.

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, महिला की पहचान देबी भौमिक के रूप में की गई है. महिला अपने पति देबासिस भौमिक से 2006 में अलग हो गई थी और टीएन चटर्जी स्ट्रीट के पास लालबाड़ी अपार्टमेंट में बेटी देबोलिना के साथ रह रही थी. एक स्थानीय निवासी बिस्वनाथ साहा ने बताया कि 2021 में कोरोना के बीच देबीलिना के माता-पिता (दोनों रिटायर्ड) का निधन हो गया था. माता-पिता की मौत के बाद देबी अपनी बेटी के साथ रह रही थी. कोरोना के दौरान पड़ोसियों ने मां-बेटी की पूरी मदद की.

मंगलवार को फ्लैट से बदबू आई, तो हुआ खुलासा

बताया जा रहा है कि मंगलवार की दोपहर कुछ पड़ोसियों को दुर्गंध आने पर उन्होंने इसके बारे में पूछने के लिए उनका दरवाजा खटखटाया. एक पड़ोसी अर्चिता मुखर्जी के अनुसार, देबी ने दरवाजा खोला और उन्हें बिस्तर पर अपनी बेटी के शव के पास ले गई. देबी ने बताया कि उनकी बेटी देबोलिना ने उनसे बातचीत नहीं की थी और तीन दिनों से खाना खाने से इनकार कर रही है. देबी ने बताया कि दाल-चावल बनाया और बार-बार खाने के लिए बोली. इसके बाद अर्चित मुखर्जी बाहर निकाली और अन्य पड़ोसियों को इसकी जानकारी दी. फिर अन्य पड़ोसी भी अंदर गए और देबी को समझाया कि उसकी बेटी की मौत हो चुकी है. लेकिन देबोलिना की मां ने कहा कि नहीं मेरी बेटी जिंदा है.

जब देबी समझने को तैयार नहीं हुई तो पड़ोसियों ने इसकी सूचना पुलिस को दी. जानकारी के बाद पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. पुलिस ने कहा कि उनकी बेटी की कम से कम तीन दिन पहले मौत हो गई थी. कहा जा रहा है कि देबोलिना के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजे जाने के कुछ देर बाद उसकी मां ने भी दम तोड़ दिया. बैरकपुर कमिश्नरेट के एक अधिकारी ने कहा कि हमें पता चला कि महिला सिज़ोफ्रेनिया से पीड़ित थी. अधिकारियों ने डेबी के पति को उनकी पत्नी और बेटी की मौत के बारे में जानकारी दी लेकिन उन्होंने दोनों से किसी तरह का मतलब होने से इनकार कर दिया.