कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर के बलात्कार और हत्या को लेकर चल रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की सांसद महुआ मोइत्रा ने मामले को दबाने के आरोपों से इनकार किया है. उन्होंने विपक्षी भाजपा के आरोपों का जवाब दिया, जिसने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों की आलोचना करते हुए उन्हें 'गूंगी गुड़िया' कहा था.
मोइत्रा ने बंगाल की ममता बनर्जी सरकार की का बचाव किया और इस बात पर जोर दिया कि मामले में कोई लीपापोती नहीं की गई है. मोइत्रा ने कहा कि ये कहानी जो चारों ओर फैल रही है कि राज्य सरकार और सबसे बढ़कर, मुख्यमंत्री और हम सभी जो निर्वाचित प्रतिनिधि हैं, किसी तरह के व्यवस्थित कवर-अप में लिप्त हैं, यह पूरी तरह से गलत और असत्य है.
महुआ मोइत्रा ने कहा कि घटना के समय मुख्यमंत्री झारग्राम मेदिनीपुर में थीं. जब उन्हें इसके बारे में बताया गया तो उन्होंने तुरंत पीड़िता के परिवार से बात की. कोलकाता लौटने पर ममता बनर्जी पीड़ित परिवार के पास गईं और 12 घंटे के भीतर पुलिस ने सीसीटीवी साक्ष्य के आधार पर मुख्य संदिग्ध को गिरफ्तार कर लिया. मोइत्रा ने कहा कि भारत की एकमात्र महिला मुख्यमंत्री ममता बनर्जी लगातार महिलाओं के मुद्दों के लिए खड़ी रही हैं.
महुआ मोइत्रा की प्रतिक्रिया केंद्रीय मंत्री और पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार की टिप्पणी के बाद आई है. मजूमदार ने टीएमसी की महिला सांसदों पर मामले पर चुप रहने का आरोप लगाया और कहा कि यह चुप्पी संभावित गड़बड़ी का संकेत देती है. उन्होंने आरोप लगाया कि घटना के संबंध में एक विशेष टीएमसी सांसद के भतीजे का नाम बार-बार सामने आया है.
मजूमदार ने कहा कि डॉक्टरों की टीम में, उनके व्हाट्सएप ग्रुप में कई ऐसे विषय आए हैं, इसके कुछ स्क्रीनशॉट भी हमारे पास पहुंचे हैं जैसे ड्रग्स, रैकेट, सेक्स रैकेट... एक टीएमसी सांसद के भतीजे का नाम बार-बार आ रहा है. मुझे नहीं पता कि सच्चाई क्या है, लेकिन कुछ गड़बड़ है क्योंकि टीएमसी की इतनी सारी महिला सांसदों के बावजूद, इतनी बड़ी घटना के बाद भी उनमें से एक ने भी ज्यादा कुछ नहीं कहा है. दो टीएमसी सांसद और तीन विधायक उसी मेडिकल कॉलेज के पूर्व छात्र हैं, फिर भी उन्हें चुप करा दिया गया है, जो दर्शाता है कि कुछ गड़बड़ है.
विपक्ष के नेता और भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने गृह सचिव और केंद्रीय जांच ब्यूरो के निदेशक को पत्र लिखकर आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में सबूतों को और नष्ट होने से रोकने के लिए केंद्रीय सशस्त्र अर्धसैनिक बलों की तैनाती का अनुरोध किया. अधिकारी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि मैंने गृह सचिव, गृह मंत्रालय, अजय कुमार भल्ला और केंद्रीय जांच ब्यूरो के डायरेक्टर को आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में हुई बर्बरता के बारे में लिखा है और उनसे अनुरोध किया है कि वे आरजी कर में सबूतों को और नष्ट होने से रोकने के लिए केंद्रीय सशस्त्र अर्धसैनिक बलों को तैनात करें.
The WB Govt & @KolkataPolice have turned RG Kar Medical College and Hospital into a stinky quagmire by firstly allowing culprits to establish their fiefdom of crime and now allowing TMC goons to stomp upon the whole premises to destroy evidence (whatever was left of it) and scare… pic.twitter.com/5xQ5BljoGE
— Suvendu Adhikari (@SuvenduWB) August 15, 2024
ये अनुरोध बुधवार रात अस्पताल में हुई बर्बरता के बाद किया गया, जहां एक भीड़ ने विरोध स्थल, वाहनों और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया, जिससे सुरक्षा अधिकारियों को हस्तक्षेप करना पड़ा और भीड़ को तितर-बितर करना पड़ा. फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (FORDA) ने गुरुवार को घोषणा की कि वे इस घटना के विरोध में अपनी हड़ताल फिर से शुरू करेंगे.
ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि वामपंथी पश्चिम बंगाल में अशांति पैदा करने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ मिलकर काम कर रहे हैं. उन्होंने आरजी कर अस्पताल में हुई तोड़फोड़ पर टिप्पणी करते हुए कहा कि इसमें शामिल भीड़ भाजपा से जुड़ी हुई थी और दावा किया कि उनका छात्र आंदोलन से कोई संबंध नहीं है.
उन्होंने अस्पताल में हुई घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि वामपंथी और राम बंगाल में अशांति पैदा करना चाहते हैं और वे दोनों ऐसा करने के लिए एक साथ आए हैं. सीएम बनर्जी ने कहा कि कल आरजी कर अस्पताल में तोड़फोड़ करने वाले और यह हंगामा करने वाले लोग आरजी कर मेडिकल कॉलेज के छात्र आंदोलन से जुड़े नहीं हैं, वे बाहरी लोग हैं, मैंने जितने वीडियो देखे हैं, मेरे पास उतने ही तीन वीडियो हैं, जिनमें कुछ लोग राष्ट्रीय ध्वज पकड़े हुए हैं, वे भाजपा के लोग हैं और कुछ डीवाईएफआई के लोग सफेद और लाल झंडे पकड़े हुए हैं.
आरजी कर की घटना पर मेडिकल फील्ड से जुड़े लोगों की ओर से प्रतिक्रियाएं और प्रदर्शन भी देखने को मिले हैं. दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल और एम्स के डॉक्टर विरोध प्रदर्शन करने के लिए एकत्र हुए और कोलकाता में मेडिकल छात्रों ने विरोध प्रदर्शन के माध्यम से अपना गुस्सा जाहिर किया.
बॉलीवुड अभिनेता ऋतिक रोशन ने इस घटना पर सोशल मीडिया पर अपना गुस्सा और चिंता व्यक्त की. उन्होंने एक्स अकाउंट पर लिखा कि हां, हमें एक ऐसे समाज में विकसित होने की जरूरत है जहां हम सभी समान रूप से सुरक्षित महसूस करें. लेकिन इसमें दशकों लगेंगे. उम्मीद है कि यह हमारे बेटे और बेटियों को संवेदनशील और सशक्त बनाने के साथ होगा.
Yes we need to evolve into a society where we ALL feel equally safe. But that is going to take decades. It’s going to hopefully happen with sensitizing and empowering our sons and daughters. The next generations will be better. We will get there. Eventually. But what in the…
— Hrithik Roshan (@iHrithik) August 15, 2024
ऋतिक रोशन ने लिखा कि हम वहां पहुंचेंगे। आखिरकार। लेकिन अंतरिम में क्या? अभी न्याय इस तरह के अत्याचारों पर कड़ी रोक लगाना होगा और ऐसा करने का एकमात्र तरीका ऐसी कठोर सजा है जो ऐसे अपराधियों को डरा दे. हमें यही चाहिए. शायद? मैं अपनी बेटी के लिए न्याय की मांग में पीड़ित परिवार के साथ खड़ा हूं और मैं उन सभी डॉक्टरों के साथ खड़ा हूं जिन पर कल रात हमला हुआ.
इस बीच, कोलकाता में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की विशेष अपराध शाखा ने आरजी कर अस्पताल बलात्कार और हत्या मामले के संबंध में पूछताछ के लिए पांच डॉक्टरों और अस्पताल के कर्मचारियों को बुलाया है. इस घटना ने चिकित्सा बिरादरी और सार्वजनिक आक्रोश से देश भर में प्रतिक्रिया व्यक्त की है. ट्रेनी डॉक्टर 9 अगस्त को आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के सेमिनार हॉल में मृत पाई गई थी और पीड़ित के परिवार ने बलात्कार और हत्या का आरोप लगाया था.