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India Daily

6 साल बाद शुरू हुई कैलाश मानसरोवर यात्रा: 36 भारतीय तीर्थयात्री पहुंचे पवित्र स्थल

यात्रियों ने गलवान झड़प और डेमचोक जैसे क्षेत्रों में तनाव के बावजूद कोई असहजता नहीं महसूस की. उन्होंने कहा कि चीनी सरकार ने हमारा बहुत अच्छा स्वागत किया.

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Edited By: Sagar Bhardwaj
Kailash Mansarovar Yatra started after 6 years: 36 Indian pilgrims reached the holy place

 छह साल के लंबे इंतजार के बाद, 36 भारतीय तीर्थयात्रियों का पहला जत्था 18,000 फीट ऊंचे कैलाश पर्वत की परिक्रमा और मानसरोवर झील के दर्शन के लिए पहुंचा. कोविड-19 महामारी और वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर सैन्य तनाव के बाद भारत-चीन के बीच यह पहला जन-जन संपर्क तंत्र है, जिसकी शुरुआत पिछले साल कजान में पीएम नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात में तय हुई थी.

पवित्र यात्रा की बहाली

विदेश मंत्रालय (MEA) द्वारा संचालित कैलाश मानसरोवर यात्रा (KMY) के लिए पहला समूह 15 जून से 2 जुलाई तक सिक्किम के नाथू ला और उत्तराखंड के लिपुलेख दर्रे से 3,000 किमी की यात्रा कर रहा है. समूह के समन्वयक शैलेंद्र शर्मा ने कहा, “हम बहुत खुश हैं कि यह यात्रा फिर शुरू हुई. पिछले कुछ वर्षों से हम MEA और KMY से इसे बहाल करने की मांग कर रहे थे.” यात्रियों में 18 से 69 वर्ष की आयु के लोग शामिल हैं.

भारत-चीन सहयोग

यात्रियों ने गलवान झड़प और डेमचोक जैसे क्षेत्रों में तनाव के बावजूद कोई असहजता नहीं महसूस की. नव-निवृत्त शिक्षिका सुमन लता ने कहा, “हमारा राजनीति से कोई लेना-देना नहीं. भारतीय सरकार ने हमें शानदार विदाई दी, और चीनी सरकार ने हमारा बहुत अच्छा स्वागत किया.” चीनी अधिकारियों ने नाथू ला पर बायोमेट्रिक्स, बहुभाषी दुभाषिए, ऑक्सीजन सुविधाएं और प्रार्थना स्थल उपलब्ध कराए.

सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व

कैलाश पर्वत को हिंदू भगवान शिव का निवास मानते हैं, जबकि बौद्ध इसे 'माउंट मेरु' और जैन इसे 'अष्टपद' कहते हैं. तिब्बती बोन धर्म भी इसे पूजता है. अली प्रांत के उपायुक्त वेन ताओ ने कहा, “यह हिमालयी सांस्कृतिक आदान-प्रदान भारत-चीन नेताओं के बीच महत्वपूर्ण सहमति है.” 2001-02 में चीन ने कैलाश पर चढ़ाई और मानसरोवर झील की यात्रा पर सख्त नियम लागू किए थे.

चुनौतीपूर्ण यात्रा

19 किमी की कठिन यात्रा के बाद 5,590 मीटर ऊंचे डोलमा पॉइंट तक पहुंचे प्रणव गुप्ता ने कहा, “यह विश्वास है, न कि शारीरिक फिटनेस, जो हमें इस यात्रा में आगे बढ़ाता है.” लता ने जोड़ा, “यह विश्वास ही हमें हर दिन पार करता है.”