JNU Bans Campus Protests: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) ने कैपस में किसी भी तरह के विरोध प्रदर्शनों को प्रतिबंधित करते हुए नए नियम लागू किए हैं. साथ ही कहा है कि जो छात्र इन नियमों का उल्लंघन करेंगे, उन्हें भारी जुर्माने से लेकर निष्कासन तक की सजा का सामना करना पड़ेगा. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इससे पहले हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार प्रशासनिक ब्लॉकों के 100 मीटर के भीतर विरोध प्रदर्शन निषिद्ध था, जिसमें कुलपति, रजिस्ट्रार और प्रॉक्टर ऑफिस शामिल थे.
हालांकि नवंबर 2023 में अनुमोदित संशोधित चीफ प्रॉक्टर ऑफिस (सीपीओ) मैनुअल के अनुसार, कक्षाओं और प्रयोगशालाओं समेत शैक्षणिक भवनों के 100 मीटर के भीतर किसी भी तरह का विरोध प्रदर्शन प्रतिबंधित है. अब ये नए नियम यह प्रशासनिक ब्लॉकों के आसपास पहले से लगाए गए प्रतिबंधों का विस्तार रूप है.
बताया गया है कि इन प्रतिबंधों का उल्लंघन करने पर 20,000 रुपये का जुर्माना या फिर कैंपस से निष्कासन भी हो सकता है. नए विश्वविद्यालय मैनुअल में कहा गया है कि इसके अलावा राष्ट्र-विरोधी या धर्म, जाति, समुदाय के प्रति असहिष्णुता भड़काने वाली किसी भी गतिविधि पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है.
यह घटनाक्रम अक्टूबर में विश्वविद्यालय में एक घटना के बाद सामने आया है, जहां स्कूल ऑफ लैंग्वेजेज की बिल्डिंग पर राष्ट्र-विरोधी नारे लिखे गए थे. प्रशासन ने इसकी जांच के लिए एक समिति गठित करने की घोषणा की थी. जेएनयू छात्र संघ (जेएनयूएसयू) ने नए नियमों की आलोचना की है. इसे असहमति को दबाने और परिसर सक्रियता को प्रतिबंधित करने का प्रयास बताया है. उन्होंने संशोधित नियमावली को तत्काल वापस लेने की मांग की है.
हालांकि विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि नए नियम शैक्षणिक और प्रशासनिक व्यवस्था बनाए रखने और व्यवधानों को रोकने के लिए जरूरी हैं. उनका तर्क है कि परिसर में निर्दिष्ट विरोध क्षेत्र छात्रों की चिंताओं को व्यक्त करने के लिए पर्याप्त हैं.