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370 के खात्मे से शुरुआत, पाकिस्तान से कनेक्शन, क्या है TRF का इतिहास?

Reasi Attack Pakistan Connection: रविवार को जम्मू कश्मीर के रियासी जिले में श्रद्धालुओं से भरी बस पर आतंकी हमले में कई लोगों की जान चली गई और दर्जनों लोग गंभीर रूप से घायल हो गए. इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान से जुड़े आतंकी संगठन TRF ने ली है.

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Edited By: India Daily Live
TRF
Courtesy: Social Media

Reasi Attack Pakistan Connection: रविवार को श्रद्धालुओं को ले जा रही बस पर आतंकी हमला हुआ. यह हमला जम्मू कश्मीर के रियासी जिले में हुआ. इस आतंकी हमले में 9 लोगों की मौत हो गई और 33 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए. इस हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा की शाखा द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली है. इसके अलावा टीआरएफ ने  टूरिस्ट और स्थानीय लोगों को निशाना बनाकर अन्य हमलों की भी चेतावनी दी है. टीआरएफ ने इस हमले को एक नई शुरुआत करार दिया है. 

रियासी हमले के तार फिर से पाकिस्तान से जुड़े हैं. टीआरएफ लश्कर-ए-तैयबा की एक शाखा के रूप में काम करता है. भारत सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 के खात्मे के बाद TRF का उभार हुआ. पहले यह एक ऑनलाइन इकाई के रूप में काम करता था. जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद इसने अपनी आतंकी गतिविधियों को बड़े पैमाने पर शुरू कर दिया. टीआरएफ ने विभिन्न संगठनों के आतंकियों को समूह में शामिल किया और उन्हें प्रशिक्षण दिया. रिपोर्ट के अनुसार,  वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (FATF) लगातार पाकिस्तान से मुल्क के अंदर आतंकी संगठनों को फंडिंग रोकने के लिए दबाब डाल रहा था. ऐसे में टीआरएफ का गठन करके पाक ने अपनी आतंकी फंडिंग गतिविधियों को क्लियर करने के लिए एक रणनीतिक कदम का उपयोग किया था. 


पाक कनेक्शन क्या है? 

पाकिस्तान ने लश्कर-ए-तैयबा और उसके कुख्यात आतंकी हाफिज सईद के साथ सीधे संबंध से बचने के लिए ने टीआरएफ का गठन किया. पाकिस्तान इसे स्थानीय विरोध वाले आंदोलन के रूप में फंडिंग देता रहा जबकि इसका गठन ही आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा को फंड करने के लिये किया गया था. 

सिरदर्द क्यों बन गया है टीआरएफ?

टीआरएफ 2019 में अपनी स्थापना के बाद से कई आतंकी हमलों में शामिल रहा है. टीआरएफ ने खासकर कश्मीरी पंडितों को निशाना बनाया है. यह कश्मीर में सबसे सक्रिय आतंकी समूहों में से एक बन गया है. इस समूह ने लश्कर से ध्यान हटाने के लिए कई हमलों की जिम्मेदारी ली है.टीआरएफ मुख्य रूप से लश्कर के फंडिंग चैनलों के रूप में काम करता है. भारत ने आधिकारिक तौर पर 2023 में टीआरएफ को एक आतंकवादी संगठन के रूप में घोषित किया.