Ramban Land Sink: जम्मू-कश्मीर के रामबन जिले के पेरनोट गांव में जमीन धंसने का मामला सामने आया है. जमीन धंसने के चलते 50 से ज्यादा घरों में दरारें आने के साथ-साथ चार बिजली टावर के क्षतिग्रस्त होने की जानकारी सामने आ रही है. इसके अलावा गुल और रामबन के बीच एक सड़क का संपर्क भी टूट गया है.
घटना की जानकारी मिलने के बाद उपायुक्त बसीर-उल-हक चौधरी ने प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया है. इस घटना के बाद इलाके में रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए मजबूर होना पड़ा. जमीन धंसी के पीछे की वजह का पता लगाने के लिए भूविज्ञान विशेषज्ञों को बुलाया गया है.
उपायुक्त बसीर-उल-हक चौधरी ने कहा कि जमीन लगातार घंस रही है. हमारा तत्काल ध्यान सड़क कनेक्टिविटी और बिजली जैसी आवश्यक सेवाओं को बहाल करने पर है. उन्होंने कहा कि इलाके में हम सक्रिय रूप से टेंट और अन्य आवश्यक चीजें वितरित कर रहे हैं. उन्होंने आगे बताया कि पीड़ितों की सहायता के लिए चिकित्सा शिविर का भी आयोजन किया जा रहा है. एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम के साथ स्थानीय स्वयंसेवकों ने क्षतिग्रस्त घरों से लोगों को उनका सामान एकक जगह से दूसरे जगह ले जाने में मदद की
इस घटना के बाद केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह की प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने राहत-बचाव कार्यों पर जोर देते हुए कहा कि मैं पेरनोट गांव में हुए दुर्भाग्यपूर्ण भूस्खलन के बाद राहत कार्य के संबंध में उपायुक्त बसीर-उल-हक चौधरी के साथ लगातार संपर्क में हूं. भोजन, स्वास्थ्य देखभाल, तम्बू, बिस्तर आदि की सुविधा के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की जा रही हैं. उन्होंने कहा कि लगभग 350 प्रभावित व्यक्तियों का पुनर्वास किया जा रहा है और सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की जा रही हैं. तत्काल राहत प्रदान की गई. उच्चतम स्तर पर राहत प्रदान करने का काम किया जा रहा है.
आपको बताते चलें, इससे पहले साल 2023 के फरवरी में भी इसी तरह की घटना सामने आई थी. दरअसल, फरवरी में संगलदान इलाके के डुक्सर दलवा गांव में जमीन धंसने के चलते कुल 16 घर तबाह हो गए थे. इस दौरान गुल और रामबन के बीच सड़क संपर्क भी टूट गया था.