Farooq Abdullah On PM Modi: जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूख अब्दुल्ला ने पीएम मोदी के 'नया कश्मीर' वाले बयान पर प्रतिक्रिया दी है. फारूख ने कहा कि अगर अनुच्छेद 370 इतना बुरा था, तो जम्मू-कश्मीर ने कभी प्रगति कैसे की? फारूक अब्दुल्ला ने अनुच्छेद 370 पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कल की टिप्पणी पर निशाना साधा, जिसमें प्रधानमंत्री ने कहा था कि आर्टिकल 370 ने केवल जम्मू कश्मीर में वंशवादी शासन को बढ़ावा देने में मदद की थी.
5 अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद पहली बार पीएम मोदी गुरुवार को श्रीनगर पहुंचे थे. इस दौरान पीएम मोदी ने जनसभा को संबोधित करते हुए 'नया जम्मू-कश्मीर' शब्द का इस्तेमाल किया था. अनुच्छेद 370 के हटने के बाद जम्मू-कश्मीर से राज्य का दर्जा वापस ले लिया गया था और इसे दो अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश में बांट दिया गया था.
प्रधानमंत्री मोदी ने जनसभा में कहा था कि दशकों तक, राजनीतिक लाभ के लिए, कांग्रेस और उसके सहयोगियों ने 370 के नाम पर जम्मू-कश्मीर के लोगों और देश को गुमराह किया. क्या धारा 370 से जम्मू-कश्मीर को फायदा हुआ या केवल कुछ राजनीतिक परिवार ही इसका फायदा उठा रहे थे?
पीएम मोदी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों को सच्चाई पता चल गई है कि उन्हें गुमराह किया गया था. कुछ परिवारों के फायदे के लिए जम्मू-कश्मीर को जंजीरों में जकड़ कर रखा गया था. आज यहां अनुच्छेद 370 नहीं है, इसलिए जम्मू-कश्मीर के युवाओं की प्रतिभा का पूरा सम्मान किया जा रहा है और उन्हें नए अवसर मिल रहे हैं. आज, यहां सभी के लिए समान अधिकार और समान अवसर हैं.
पीएम मोदी की टिप्पणी के बाद फारूक अब्दुल्ला ने पलटवार करते हुए कहा कि अगर 370 इतना ही बुरा था, तो मैं चाहूंगा कि पीएम राज्यसभा में तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद का भाषण सुनें, जिसमें उन्होंने गुजरात और जम्मू-कश्मीर की तुलना की थी. गुजरात की तुलना में इस राज्य (जम्मू-कश्मीर) ने कितनी प्रगति की है, यह आंकड़ों के साथ साबित हुआ. उन्होंने ये भी कहा कि मैं मुख्यमंत्री के रूप में चुनाव हार गया क्योंकि लोगों ने मुझे खारिज कर दिया। तो वंशवादी शासन कहां है? आजादी के बाद से भारत में कोई वंशवादी शासन नहीं रहा है.
फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि प्रगति निरंतर होने वाली प्रक्रिया है. भारत ने कई मायनों में प्रगति की है, लेकिन इसकी नींव पहले मौजूद प्रधानमंत्री ने रखी थी. हर प्रधानमंत्री ने वही किया जो देश के लिए सबसे अच्छा था. जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस ने ये भी बताया कि जब अनुच्छेद 370 था, तब प्राथमिक स्कूलों से लेकर यूनिवर्सिटीज तक की शिक्षा मुफ्त थी.