चेन्नई सुपर किंग्स का इस आईपीएल सीजन में खराब प्रदर्शन किया है. टीम बिखरी हुई है. घर पर पांच मैच हारने के बाद टीम प्लेऑफ की रेस से बाहर हो गई है. उनकी रणनीति को गहन जांच के दायरे में ला दिया है. टीम के ऑक्शन को लेकर सवाल खडे़ हो रहे हैं. इंडियन एक्सप्रेस ने बताया कि CSK प्रबंधन ने अपने स्वयं के प्रतिभा स्काउट्स की सिफारिशों को नजरअंदाज कर दिया.
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि स्काउटिंग टीम द्वारा पहचाने गए कई युवा, होनहार प्रतिभाओं पर नीलामी के दौरान विचार ही नहीं किया गया. इसका सबसे बड़ा उदाहरण प्रियांश आर्या हैं. दिल्ली के बाएं हाथ के इस खिलाड़ी ने पंजाब किंग्स को शानदार शुरुआत देकर इस आईपीएल की खोज के रूप में उभरे हैं, CSK स्काउट्स ने उनकी सिफारिश की थी, लेकिन प्रबंधन जिसमें कोच, कप्तान और अन्य वरिष्ठ सदस्य शामिल हैं, ने उन्हें नीलामी में नहीं चुना.
प्रियांश ने आईपीएल में बनाए रन
प्रियांश ने 10 मैचों में 196.59 की शानदार स्ट्राइक रेट से 346 रन बनाए हैं. उन्होंने इस सीजन में किसी भारतीय द्वारा तीसरा सबसे तेज आईपीएल शतक भी लगाया है. दूसरी ओर, अन्य फ्रैंचाइजी ने घरेलू टी20 लीगों से पहले से प्रतिभाओं को सफलतापूर्वक खोजा और उनसे लाभ उठाया है, एक ऐसा रास्ता जिसे चेन्नई पूरी तरह अपनाने में हिचकिचाहट महसूस कर रही है. वरुण चक्रवर्ती और साई सुदर्शन जैसे खिलाड़ी, जिन्होंने अन्य फ्रैंचाइजी के लिए महत्वपूर्ण प्रभाव डाला है.
ऑक्शन पर उठ रहे गंभीर सवाल
निराशाजनक सीजन के बाद वापसी करने के इतिहास के बावजूद, इस साल के संघर्ष ने CSK के खिलाड़ियों को बनाए रखने और नीलामी में चुने जाने के बारे में गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. भारतीय खिलाड़ियों के वेतन की तुलना में रवींद्र जडेजा को ₹ 18 करोड़ और शिवम दुबे को ₹ 12 करोड़ में बनाए रखने का निर्णय सवालों के घेरे में आ गया है. निलामी में सीएसके के पास स्टार खिलाड़ियों पर बोली लगाने के लिए पैसे नहीं बचे थे.