Interim Budget 2024: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को बजट पेश करेंगी. इसके पहले वित्त मंत्रालय ने बताया है कि इस बार इकोनॉमिक सर्वे नहीं आएगा. वित्त मंत्रालय ने सोमवार को इसकी जानकारी दी है. डिपार्टमेंट ऑफ इकोनॉमिक अफेयर्स ने उम्मीद जताई गई है कि FY25 में रियल जीडीपी ग्रोथ 7% के करीब रह सकती है. वहीं, भारतीय अर्थव्यस्था साल 2030 तक 7 लाख करोड़ डॉलर की हो जाएगी.
वित्त मंत्रालय की समीक्षा रिपोर्ट के मुताबिक, मजबूत फाइनेंशियल सेक्टर, स्ट्रक्चरल रिफॉर्म के चलते जीडीपी ग्रोथ 7 फीसदी से ज्यादा रहने का अनुमान जताया गया है. हालांकि, ग्लोबल विवादों से अर्थव्यवस्था पर जोखिम बढ़ रहा है. महंगाई दर घटकर 4% के करीब आ रही है. कैपेक्स फंडिंग में फाइनेंशियल मार्केट की अहम भूमिका होगी. FY24 में भारतीय अर्थव्यवस्था लगातार तीसरे साल 7 फीसदी से बढ़ी है. इस दौरान ग्लोबल इकोनॉमी 3% से ज्यादा ग्रोथ के लिए संघर्ष कर रही है.
The Ministry of Finance @FinMinIndia releases The Indian Economy - A Review.
The Review consists of two chapters and takes stock of the state of the Indian economy and its journey in the last 10 years and offers a brief sketch of the outlook for the economy in the coming years.… pic.twitter.com/0RDPiW3f5h— Ministry of Finance (@FinMinIndia) January 29, 2024Also Read
मुख्य आर्थिक सलाहकार, वी अनंत नागेश्वरन के मुताबिक, अब यह बहुत संभावना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 2023-24 में 7 फीसदी या उससे अधिक की ग्रोथ रेट हासिल करेगी. मिनी आर्थिक सर्वेक्षण मानी जा रही इस रिपोर्ट में सभी सकारात्मक विकास और चुनौतियों पर ध्यान दिया गया. इसमें स्किल डेवलपमेंट, हेल्थ, ऊर्जा सुरक्षा, एमएसएमई (MSME) के लिए अनुपालन बोझ में कमी और श्रम बल में लिंग संतुलन को भविष्य के सुधारों के लिए प्राथमिकता वाले क्षेत्रों के रूप में सूचीबद्ध किया गया है.
संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू होगा. अंतरिम बजट 1 फरवरी को आने वाला है. इस बार बजट सत्र के पहले दिन हर बार की तरह इस बार आर्थिक समीक्षा पेश नहीं किया जा रहा है. इसमें बताया जाता है कि सरकार ने जो लक्ष्य तय किया था उसे कितना हासिल किया गया है. रिपोर्ट में इस बात की उम्मीद जाहिर की गई है आने वाले सालों में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 7 फीसदी से ठीक-ठाक ऊपर निकल सकती है.
भारत जो मौजूदा बाजार मूल्यों पर 1.9 ट्रिलियन डॉलर की जीडीपी के साथ दुनिया की 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था थी, अब 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमानित वित्त वर्ष 24) के साथ 5वीं सबसेबड़ी अर्थव्यवस्था है. कोविड महामारी के बावजूद विकास की उम्मीद है.