गुवाहाटी: रविवार को असम के गुवाहाटी में आसमान भारतीय वायुसेना की शक्ति और शौर्य से चमक उठा, जब लाचित घाट पर भव्य हवाई प्रदर्शन आयोजित किया गया. भारतीय वायु सेना का यह शो इस साल के वायुसेना दिवस समारोह के समापन का प्रतीक था. समारोह का परेड हिस्सा अक्टूबर में हिंडन एयरबेस (गाजियाबाद) में हुआ था, जबकि गुवाहाटी में हुए इस कार्यक्रम ने पूरे पूर्वोत्तर क्षेत्र को इस उत्सव से जोड़ दिया.
करीब 25 विमानों ने आसमान में अपनी शानदार उड़ानें भरीं. इनमें तेजपुर, हासीमारा और गुवाहाटी सहित आस-पास के वायुसेना स्टेशनों से आए लड़ाकू और परिवहन विमान शामिल थे. इनमें भारतीय वायुसेना के सबसे आधुनिक और ताकतवर विमान जैसे राफेल, सुखोई-30एमकेआई, तेजस (एलसीए), जगुआर, मिराज-2000, मिग-29, अपाचे हेलीकॉप्टर, सी-17, सी-130 और एएन-32 शामिल थे.
#WATCH | Guwahati, Assam | As part of the 93rd Air Force Day celebrations, IAF organised Flying Display 2025 at Lachit Ghat. pic.twitter.com/BUD8CusTTh
— ANI (@ANI) November 9, 2025Also Read
कार्यक्रम का सबसे खास आकर्षण बराक स्वरूप रहा, जिसमें सुखोई-30एमकेआई, राफेल, मिराज और तेजस एक साथ उड़े. यह स्वरूप भारत के बहुउद्देशीय लड़ाकू बेड़े की एकता और शक्ति का प्रतीक था.
प्रदर्शन में ऑपरेशन सिंदूर को समर्पित एक विशेष स्वरूप भी दिखाया गया. विमानों ने लाल धुएं से आकाश को रंगते हुए इस मिशन की सफलता और उसमें शामिल नायकों को श्रद्धांजलि दी.
लंबे समय बाद सारंग हेलीकॉप्टर दल ने भी ALH Mk1 हेलीकॉप्टरों के साथ वापसी की. गुजरात में एक हादसे के बाद दल के प्रदर्शन अस्थायी रूप से रोक दिए गए थे, इसलिए यह उनकी शानदार वापसी मानी जा रही है.
एमआई-17 'ध्वज', तेजस 'लचित' और सुखोई-30 'त्रिशूल' जैसे स्वरूपों ने सटीक उड़ान और बेहतरीन टीमवर्क से दर्शकों का मन मोह लिया. प्रत्येक प्रदर्शन ने भारतीय वायुसेना की तकनीकी क्षमता, अनुशासन और टीम भावना को उजागर किया.
इस मौके पर वरिष्ठ सैन्य अधिकारी और कई गणमान्य अतिथि मौजूद थे. पूरा कार्यक्रम न केवल एक अद्भुत दृश्य अनुभव था, बल्कि इसने यह भी दिखाया कि भारतीय वायुसेना लगातार आधुनिकीकरण और तैयारी के नए आयाम छू रही है, खासकर देश के पूर्वी क्षेत्र में अपनी मजबूत उपस्थिति के साथ.