नई दिल्ली: कांग्रेस नेता शशि थरूर अपने बयानों को लेकर अक्सर चर्चे में रहते हैं. एक बार फिर अपने बयान से उन्होंने लोगों का ध्यान खिंचा है. थरूर ने भाजपा नेता लाल कृष्ण आडवाणी के 98वें जन्मदिन की शुभकामनाएं देते हुए सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर किया. जिसके बाद लोगों के बीच बहस तेज हो गई.
शशि थरूर ने लालकृष्ण आडवाणी की राजनीतिक विरासत का बचाव करते हुए उनकी तुलना जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी से की है. उन्होंने कहा कि भाजपा के इस दिग्गज नेता द्वारा दशकों तक किए गए जनसेवा का मूल्यांकन किसी एक घटना के आधार पर नहीं किया जाना चाहिए.
लाल कृष्ण आडवाणी के बारे में बात करते हुए थरूर ने अपने पोस्ट में लिखा कि उनकी लंबी सेवा को एक घटना तक सीमित करना सही नहीं है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से नेहरूजी के करियर को केवल चीन की विफलता से और न ही इंदिरा गांधी के करियर को केवल आपातकाल से परिभाषित किया जा सकता है, उसी तरह आडवाणीजी को भी केवल एक घटना की वजह परिभाषित नहीं किया जा सकता है. उन्होंने जन्मदिन की बधाई देते हुए लिखा कि आदरणीय श्री लालकृष्ण आडवाणी को उनके 98वें जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं! जनसेवा के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता, विनम्रता और शालीनता, और आधुनिक भारत की दिशा तय करने में उनकी भूमिका अमिट है. थरूर ने उन्हें सच्चा राजनेता बताया है.
कांग्रेस नेता द्वारा भाजपा नेता की तारीफ में शेयर किया गया पोस्ट अब चर्चा का विषय बन गया है. कुछ लोग इसकी आलोचना कर रहे हैं. उनका मानना है कि थरूर 'विभाजनकारी राजनीति में भाजपा के इस दिग्गज की भूमिका को छुपाने' का काम कर रहे हैं. थरूर के इस पोस्ट पर सुप्रीम कोर्ट के वकील संजय हेगड़े ने प्रतिक्रया भी दी है. उन्होंने आडवाणी का विरोध किया है और उनपर नफरत फैलाने का आरोप भी लगाया है. हेगड़े ने जवाब में लिखा कि रथ यात्रा कोई एक घटना नहीं थी, यह भारतीय गणराज्य के मूलभूत सिद्धांतों को उलटने की एक लंबी यात्रा थी. आडवाणी की रथ यात्रा को व्यापक रूप से दिसंबर 1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस की प्रस्तावना के रूप में देखा जाता है.