अब रूस-अमेरिका की जरूरत नहीं, रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनेगा भारत! कई हथियारों, सैन्य उपकरणों पर GST खत्म, ड्रोन सेक्टर को बड़ा बूस्ट

ड्रोन पर जीएसटी को 28 फीसदी से घटाकर मात्र 5 फीसदी कर दिया गया है. पहले 18 फीसदी कर के दायरे में आने वाले कई हथियारों को अब शून्य जीएसटी श्रेणी में शामिल किया गया है.

India will become self-reliant in the defense sector GST ends on many weapons and military equipment
Sagar Bhardwaj

GST Reforms: आत्मनिर्भर भारत अभियान को मजबूती देने के लिए सरकार ने रक्षा क्षेत्र में एक क्रांतिकारी कदम उठाया है. अब कई हथियारों, सैन्य विमानों और उपकरणों पर वस्तु एवं सेवा कर (GST) को पूरी तरह समाप्त कर दिया गया है. इसके साथ ही ड्रोन पर जीएसटी को 28 फीसदी से घटाकर मात्र 5 फीसदी कर दिया गया है. पहले 18 फीसदी कर के दायरे में आने वाले कई हथियारों को अब शून्य जीएसटी श्रेणी में शामिल किया गया है, जिसमें अमेरिका से खरीदा गया C-130 सैन्य परिवहन विमान और एयरबस-टाटा के वडोदरा संयंत्र में संयुक्त रूप से निर्मित C-295 मध्यम परिवहन विमान शामिल हैं.

मिसाइल और जीसैट पर भी कोई जीएसटी नहीं

रिमोट पायलटेड एयरक्राफ्ट (RPA) से प्रक्षेपित होने वाले मिसाइल और जीसैट पर भी अब जीएसटी नहीं लगेगा. इसके अलावा, जहाज से प्रक्षेपित मिसाइल, फ्लाइट मोशन सिम्युलेटर, पानी के नीचे के वाहन और फाइटर जेट के इजेक्शन सीट पर भी कर हटा लिया गया है. 100 मिमी कैलिबर के रॉकेट, गहरे पानी के बचाव वाहन, तोप और राइफलों के पुर्जे, साथ ही परीक्षण उपकरण जैसे सैन्य सामानों पर भी जीएसटी खत्म कर दिया गया है. सॉफ्टवेयर संचालित रेडियो संचार उपकरणों पर पहले 18-28 फीसदी कर लगता था, जो अब 5 फीसदी हो गया है. वाकी-टॉकी, टैंक और बख्तरबंद वाहनों पर जीएसटी 12 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दी गई है.

ड्रोन उद्योग को बड़ा लाभ, भारत बनेगा हब

यूएवी (अनमैन्ड एरियल व्हीकल) पर जीएसटी 18-28 फीसदी से 5 फीसदी हो गया, जो लॉजिस्टिक्स, कृषि, मानचित्रण और सैन्य उपयोग में ड्रोन के लिए प्रवेश लागत को कम करेगा. फ्लाइट और टारगेट मोशन सिम्युलेटर, जो पायलट प्रशिक्षण के लिए महत्वपूर्ण हैं, अब जीएसटी से मुक्त हैं. IG ड्रोन के संस्थापक बोधिसत्व संघप्रिया ने कहा, "5 फीसदी जीएसटी कटौती ड्रोन उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ है. यह ड्रोन को सस्ता और सुलभ बनाएगा, साथ ही इनोवेटर्स और स्टार्टअप्स के लिए अनुपालन आसान होगा." यह कदम रक्षा, निगरानी, कृषि, बुनियादी ढांचा और लॉजिस्टिक्स जैसे क्षेत्रों में ड्रोन के उपयोग को तेज करेगा.

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