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भारत ने अग्नि-5 का किया सफल परीक्षण, एक साथ कई परमाणु वॉरहेड ले जाने में सक्षम है बैलिस्टिक मिसाइल

भारत ने बुधवार को ओडिशा के चांदीपुर स्थित परीक्षण स्थल से अपनी सबसे उन्नत लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल 'अग्नि-5' का सफल परीक्षण किया. परमाणु क्षमता से लैस इस मिसाइल की रेंज 5,000 किलोमीटर से अधिक है और यह एक साथ कई परमाणु वॉरहेड ले जाने में सक्षम है. इस परीक्षण ने भारत की सामरिक ताकत और न्यूनतम प्रतिरोधक क्षमता (Credible Minimum Deterrence) की नीति को और मजबूत किया है. वहीं, पाकिस्तान इस परीक्षण से चिंतित हो उठा है और इसे क्षेत्रीय स्थिरता के लिए खतरा बता रहा है.

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Kuldeep Sharma

भारत ने 20 अगस्त 2025 को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित 'अग्नि-5' का सफल परीक्षण किया. यह मिसाइल न केवल भारत की परमाणु क्षमता को मजबूती देती है बल्कि देश की रक्षा तैयारियों को भी वैश्विक स्तर पर नई पहचान दिलाती है. इस सफलता को भारत के रणनीतिक बल कमान (Strategic Forces Command) के नियमित उपयोगकर्ता परीक्षण के रूप में देखा जा रहा है.

'अग्नि-5' को इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) श्रेणी में गिना जाता है. इसकी सबसे बड़ी खासियत है MIRV (Multiple Independently Targetable Reentry Vehicle) तकनीक, जिसके जरिए यह एक साथ कई वॉरहेड अलग-अलग लक्ष्यों पर गिरा सकती है. मार्च 2024 में भारत ने इसका पहला MIRVed परीक्षण तमिलनाडु के कल्पक्कम से किया था. रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, यह मिसाइल भविष्य में बंकर बस्टर क्षमता के साथ भी सुसज्जित की जा सकती है, जिससे इसकी मारक क्षमता और बढ़ जाएगी.

5,000 किलोमीटर से ज्यादा की रेंज

अग्नि-5 की मारक क्षमता 5,000 किलोमीटर से अधिक है, जो इसे भारत की सबसे ताकतवर मिसाइलों में शुमार करती है. DRDO फिलहाल इसके एक उन्नत संस्करण पर काम कर रहा है, जिसकी रेंज 7,500 किलोमीटर तक हो सकती है. रिपोर्ट्स के मुताबिक आने वाले समय में इसका दायरा 8,000 किलोमीटर से भी अधिक हो सकता है, जिससे यह एशिया से यूरोप और अमेरिका तक के शहरों को निशाना बना पाएगी.

पाकिस्तान क्यों है चिंतित?

भारत के इस सफल परीक्षण से पाकिस्तान के रणनीतिक हलकों में खलबली मच गई है. इस्लामाबाद स्थित स्ट्रैटेजिक विजन इंस्टीट्यूट (SVI) ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर को चेतावनी दी है कि भारत का मिसाइल कार्यक्रम क्षेत्रीय स्थिरता के लिए गंभीर चुनौती है. उनका कहना है कि 2016 में भारत के MTCR (Missile Technology Control Regime) में शामिल होने के बाद उसकी मिसाइल तकनीक तेजी से विकसित हुई है. पाकिस्तान का मानना है कि भारत की यह क्षमता न केवल उपमहाद्वीप बल्कि वैश्विक संतुलन को भी प्रभावित कर सकती है.