मौत की सजा मिलने पर यूनुस सरकार ने की शेख हसीना की मांग, भारत ने दिया करारा जवाब
भारत ने बांग्लादेश के इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल द्वारा शेख हसीना को मौत की सजा दिए जाने के फैसले पर प्रतिक्रिया दी है.
नई दिल्ली: भारत ने बांग्लादेश के इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल द्वारा अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना को मौत की सजा दिए जाने के फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. भारत ने कहा कि वह नजदीकी पड़ोसी के रूप में बांग्लादेश के लोगों के सर्वोत्तम हितों के प्रति प्रतिबद्ध है.
भारत ने विशेष रूप से शांति, लोकतंत्र, समावेश और स्थिरता बनाए रखने पर जोर दिया और सभी संबंधित पक्षों के साथ रचनात्मक संवाद करने का आश्वासन दिया है. यह बयान क्षेत्रीय स्थिरता और पड़ोसी देशों के बीच भरोसेमंद संबंध बनाए रखने की दिशा में अहम कदम है.
बांग्लादेश के हित के लिए प्रतिबद्ध
भारतीय विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि भारत हमेशा बांग्लादेश के लोगों के हितों को ध्यान में रखेगा. मंत्रालय ने कहा कि शांति, लोकतंत्र और सामाजिक समावेशन सुनिश्चित करना भारत की प्राथमिकताओं में शामिल है. भारत का यह रुख बताता है कि वह बांग्लादेश में किसी भी राजनीतिक अस्थिरता से प्रभावित हुए बिना सहयोग की नीति अपनाएगा. बयान में सभी हितधारकों के साथ रचनात्मक संवाद जारी रखने पर जोर दिया गया, जिससे क्षेत्रीय स्थिरता और भरोसेमंद रिश्तों को बनाए रखा जा सके.
हसीना पर सजा और अंतरराष्ट्रीय नजरिया
बांग्लादेश के ट्रिब्यूनल ने शेख हसीना को मानवता के खिलाफ अपराध के आरोप में दोषी ठहराया और मौत की सजा सुनाई है. भारत सहित अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस फैसले पर नजदीक से नजर रख रहा है. भारत का रुख संतुलित है- देश ने स्पष्ट किया कि वह बांग्लादेश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया और शासन की स्थिरता बनाए रखने में रचनात्मक रूप से शामिल रहेगा. यह बयान पड़ोसी देशों के बीच सहयोग और तनाव को कम करने की दिशा में अहम माना जा रहा है.
क्षेत्रीय स्थिरता पर होगा प्रभाव
बांग्लादेश में राजनीतिक तनाव बढ़ने की आशंका है, क्योंकि हसीना समर्थक और विपक्षी दल अब राजनीतिक गतिविधियों में सक्रिय हो सकते हैं. भारत ने संकेत दिया कि वह स्थिति पर नजर रखेगा और जरूरत पड़ने पर सभी पक्षों के साथ संवाद करेगा. यह रुख पड़ोसी देशों के बीच शांति बनाए रखने और हिंसा की संभावना को कम करने की रणनीति को दर्शाता है.
हसीना को प्रत्यर्पित करने की बांग्लादेश की मांग
बांग्लादेश ने भारत से पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमान खान कमाल को प्रत्यर्पित करने का आग्रह किया है. दोनों को पिछले साल छात्र आंदोलनों पर कड़े दमन में शामिल होने के लिए मौत की सजा सुनाई गई है. ढाका ने कहा कि द्विपक्षीय प्रत्यर्पण संधि के तहत न्यू दिल्ली को यह कार्रवाई करना 'अनिवार्य' है. हिंसक छात्र प्रदर्शन के बाद हसीना भारत आ गई थीं और तब से वह भारत में निवास कर रही हैं.