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सालभर के भीतर खत्म हो जाएंगे 214 कचरे के पहाड़, केंद्र सरकार ने तय की डेडलाइन

केंद्र सरकार ने देशभर के 214 बड़े पुराने कचरा ढेरों को खत्म करने के लिए ‘डम्पसाइट रिमेडिएशन एक्सेलेरेटर प्रोग्राम’ (DRAP) लॉन्च किया है. इस अभियान का लक्ष्य अक्टूबर 2026 तक 8.8 करोड़ टन कचरा हटाना है.

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Edited By: Kuldeep Sharma
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Courtesy: social media

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने शनिवार को पूरे देश में फैले पुराने कचरे के ढेरों को तेजी से समाप्त करने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है. ‘डम्पसाइट रिमेडिएशन एक्सेलेरेटर प्रोग्राम’ (DRAP) के तहत 214 प्रमुख लैंडफिल साइट्स को मिशन मोड में साफ किया जाएगा.

इन स्थलों पर देश के लगभग 8.8 करोड़ टन पुराने कचरे का जमाव है, जो कुल अवशिष्ट कचरे का लगभग 80% हिस्सा है. कार्यक्रम का लक्ष्य अक्टूबर 2026 तक इन सभी स्थलों को पूरी तरह साफ करना है.

ड्रैप अभियान की शुरुआत और लक्ष्य

केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने ‘नेशनल अर्बन कॉन्क्लेव’ के दौरान इस अभियान की शुरुआत की. उन्होंने जनप्रतिनिधियों और सामाजिक नेताओं से अपील की कि वे अपने क्षेत्रों के लैंडफिल स्थलों को 'गोद लें' और कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (CSR) फंड या निजी संस्थाओं की मदद से इन स्थलों को कचरा-मुक्त करें. खट्टर ने बताया कि दिल्ली के भलस्वा लैंडफिल से अब तक 4.8 लाख टन कचरा हटाया जा चुका है.

दिल्ली के भलस्वा लैंडफिल से शुरू हुआ मॉडल

खट्टर ने कहा कि आने वाले एक वर्ष में भलस्वा स्थल से करीब 40 लाख टन कचरा और हटाया जाएगा, जिससे लगभग 70 एकड़ शहरी भूमि मुक्त होगी. उन्होंने बताया कि पिछले ढाई महीने में इस दिशा में तेजी से काम हुआ है और अब इस मॉडल को देशभर में लागू किया जाएगा. मंत्रालय के अनुसार, सबसे बड़े लैंडफिल स्थलों को प्राथमिकता के आधार पर साफ किया जाएगा.

पांच स्तंभों पर आधारित कार्य योजना

अधिकारियों ने बताया कि यह कार्यक्रम ‘5P फ्रेमवर्क’ पर आधारित है, राजनीतिक नेतृत्व, सार्वजनिक वित्त, जनजागरूकता, परियोजना प्रबंधन और साझेदारी. हर शहर को अपने लैंडफिल स्थल के लिए माइक्रो-एक्शन प्लान बनाना होगा. साथ ही यह भी सुनिश्चित करना होगा कि पुराने कचरे के हटने के बाद नए कचरे का जमाव न हो और भूमि का उपयोग योजनाबद्ध तरीके से किया जाए.

वास्तविक समय पर होगी मॉनिटरिंग

ड्रैप पोर्टल के माध्यम से सभी स्थलों की निगरानी वास्तविक समय में की जाएगी. मंत्रालय नगर निकायों को तकनीकी और वित्तीय सहायता भी देगा. साथ ही, स्थानीय निकायों को यह सुनिश्चित करना होगा कि पोस्ट-रिमेडिएशन चरण में भी पर्यावरणीय मानकों का पालन हो. इस कार्यक्रम से देश के शहरी इलाकों में स्वच्छता और पर्यावरण सुधार की दिशा में ठोस प्रगति की उम्मीद है.

यूविन प्लेटफॉर्म से निजी निवेश को बढ़ावा

ड्रैप के साथ ही मंत्रालय ने ‘अर्बन इन्वेस्टमेंट विंडो’ (UWIN) प्लेटफॉर्म भी लॉन्च किया है. यह प्लेटफॉर्म नगर निकायों को वर्ल्ड बैंक और एशियन डेवलपमेंट बैंक जैसे संस्थानों से दीर्घकालिक फंडिंग दिलाने में मदद करेगा. हाउसिंग एंड अर्बन अफेयर्स सचिव श्रीनिवास कटिकिथाला ने कहा कि यह पहल 'टीम अर्बन' के रूप में भारत के शहरीकरण को सशक्त दिशा देगी.