Rajasthan News: भारतीय रेलवे देश में रेल परिवहन के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाते हुए देश राजस्थान में देश के पहले समर्पित रेलवे परीक्षण ट्रैक को बनाने का काम शुरू कर दिया है. यह विशेष ट्रैक उच्च गति से चलने वाली ट्रेनों से लेकर मेट्रो ट्रेनों तक के विभिन्न प्रकार के रोलिंग स्टॉक (रेलवे कोच, इंजन, आदि) के परीक्षण के लिए डिजाइन किया गया है. इस ट्रैक का कुल 60 किलोमीटर लंबा होगा, और इसे भारतीय रेलवे के केंद्रीय अनुसंधान और डिजाइन संगठन (RDSO) द्वारा विकसित किया जा रहा है.
यह परीक्षण ट्रैक लो और हाई-स्पीड मोड़ों के साथ बनाया गया है, जिससे विभिन्न गति पर ट्रायल्स की जा सकें. इस डिजाइन के तहत, ट्रैक पर रेलगाड़ियों को मोड़ों के बावजूद गति बनाए रखने की सुविधा मिलती है, जो बुलेट ट्रेनों और उच्च गति वाले रोलिंग स्टॉक के परीक्षण के लिए आवश्यक है. इस परियोजना में पुलों का निर्माण और ऐसे नवाचारों का उपयोग किया गया है जो कंपन को सहन कर सकें, जैसे स्टेनलेस स्टील और भारी RCC बॉक्स, ताकि सांभर झील के क्षारीय वातावरण में जंग से बचा जा सके.
🚨India's first dedicated railway test track worth Rs 820 crore getting constructed in Rajasthan. pic.twitter.com/bwD0NuRjf9
— Indian Infra Report (@Indianinfoguide) November 10, 2024
लागत 850 करोड़ रुपए
यह समर्पित परीक्षण ट्रैक राजस्थान के विभिन्न क्षेत्रों में निर्मित किया जा रहा है और इसे दिसंबर 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य है. इस परियोजना की कुल लागत लगभग 820 करोड़ रुपये आंकी गई है. परियोजना के पूरा होने के बाद भारतीय रेलवे को अपने विभिन्न रेल प्रणालियों की जांच और परीक्षण करने के लिए एक समर्पित और सुरक्षित प्लेटफार्म मिलेगा, जिससे रेलवे नेटवर्क की सुरक्षा, गुणवत्ता और क्षमता में सुधार होगा.
'मेक इन इंडिया' और आत्मनिर्भर भारत को मिलेगा बल
इस समर्पित परीक्षण ट्रैक के निर्माण से भारतीय रेलवे की आत्मनिर्भरता में भी वृद्धि होगी. भारत में निर्मित नई तकनीकों और वाहनों का परीक्षण इस ट्रैक पर किया जा सकेगा, जिससे घरेलू उत्पादों की गुणवत्ता और विश्वसनीयता में सुधार होगा. यह पहल 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत' अभियान को भी मजबूती प्रदान करेगी.
भारतीय रेलवे के लिए दीर्घकालिक लाभ
इस समर्पित परीक्षण ट्रैक का मुख्य उद्देश्य भारतीय रेलवे के संचालन को और अधिक सुरक्षित, तेज और प्रभावी बनाना है. उच्च गति रेल, बुलेट ट्रेन, और मेट्रो जैसी आधुनिक परिवहन प्रणालियों के परीक्षण के लिए यह ट्रैक विशेष रूप से महत्वपूर्ण साबित होगा. साथ ही यह नई तकनीकों और डिजाइनों के परीक्षण के लिए एक आदर्श प्लेटफार्म प्रदान करेगा, जो भविष्य में भारतीय रेलवे को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने में मदद करेगा.