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India Daily

रंग लाई पुतिन मोदी की मुलाकात, 2030 इकोनॉमिक कोऑपरेशन प्रोग्राम पर राजी हुए भारत और रूस

भारत और रूस ने 2030 इकोनॉमिक कोऑपरेशन प्रोग्राम पर सहमति जताई है, जिसका उद्देश्य व्यापार बढ़ाना, निवेश मजबूत करना और ऊर्जा, जहाज निर्माण से लेकर कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट्स तक सहयोग को नई गति देना है.

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Edited By: Sagar Bhardwaj
India and Russia agree on 2030 Economic Cooperation Programme after Putin-Modi meeting
Courtesy: @AvadhrajSi18492

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की नई दिल्ली में हुई मुलाकात के बाद दोनों देशों ने आर्थिक साझेदारी को अगले चरण में ले जाने का बड़ा फैसला लिया. इस दौरान 2030 तक का एक व्यापक रोडमैप तय किया गया, जिसमें व्यापार को विविध बनाना, निवेश बढ़ाना और प्रमुख क्षेत्रों में संयुक्त परियोजनाओं को आगे बढ़ाना शामिल है. दोनों नेताओं ने एफटीए को जल्द अंतिम रूप देने पर जोर दिया, ताकि बाजारों तक पहुंच आसान हो और आर्थिक प्रवाह लगातार मजबूत हो सके.

2030 कार्यक्रम से व्यापार में नई रफ्तार

भारत और रूस ने जिस 2030 इकोनॉमिक कोऑपरेशन प्रोग्राम पर सहमति जताई है, वह द्विपक्षीय व्यापार को नई दिशा देगा. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह रोडमैप प्राथमिक क्षेत्रों में तेजी लाएगा और लंबे समय की साझेदारी को मजबूती देगा. दोनों देश व्यापार संतुलन को बेहतर बनाने और नए सेक्टर्स में सहयोग बढ़ाने पर सहमत हुए हैं.

इंडिया–रूस बिजनेस फोरम पर ध्यान

मोदी ने बताया कि भारत सक्रिय रूप से इंडिया–रूस बिजनेस फोरम में भाग लेगा, जिसे उन्होंने को-प्रोडक्शन और को-इनोवेशन के लिए मजबूत मंच बताया. इस फोरम के जरिए उद्योग जगत के साझेदार नई तकनीकों, मैन्युफैक्चरिंग और निवेश के अवसरों पर एक साथ काम करेंगे.

एफटीए से खुलेगा नया आर्थिक मार्ग

दोनों नेताओं ने फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) को जल्द पूरा करने पर सहमति जताई. एफटीए के लागू होने से बाजारों तक पहुंच आसान होगी और व्यापारिक बाधाएं कम होंगी. इससे न केवल निर्यात बढ़ेगा बल्कि दोनों देशों के उद्योगों के लिए नए अवसर भी तैयार होंगे.

कनेक्टिविटी कॉरिडोर और सप्लाई चेन सुधार

मोदी ने कहा कि संयुक्त ऊर्जा निर्माण और कनेक्टिविटी कॉरिडोर INSTC, नॉर्दर्न सी रूट और चेन्नई व्लादिवोस्तोक लिंक सप्लाई चेन को नया आकार देंगे. ये मार्ग भारतीय व्यवसायों को तेज, सस्ते और भरोसेमंद विकल्प प्रदान करेंगे.

ऊर्जा, न्यूक्लियर और नए कौशल पर फोकस

पुतिन ने भारत को विश्वसनीय ऊर्जा सप्लायर बनने की प्रतिबद्धता दोहराई और बताया कि गैस, तेल और कोयले की आपूर्ति जारी रहेगी. उन्होंने कुदनकुलम परियोजना को ‘सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा’ का महत्वपूर्ण स्रोत बताया. मोदी ने जहाज निर्माण, क्रिटिकल मिनरल्स और न्यूक्लियर सहयोग को आगे बढ़ाने की बात कही, साथ ही रूस में दो नए वाणिज्य दूतावास खोलने की घोषणा भी की.