Kumar Vishwas: नवाबों के शहर लखनऊ में मंगलवार को 'अटल गीत गंगा' का आयोजन किया गया था. इस कार्यक्रम में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे. वहीं कुमार विश्वास इस कार्यक्रम में अपनी प्रस्तुति दे रहे थे. हालांकि इसी बीच एक बार फिर उन्होंने रामायण और महाभारत को लेकर अपने बयान को दोहराया है. जिसके बाद लोगों के बीच फिर से बहस छिड़ गई.
रामायण और महाभारत पढ़ने की सलाह देते हुए उन्होंने जोर देकर कहा कि बच्चों को रामायण और महाभारत पढ़ाई जानी चाहिए क्योंकि ये ग्रंथ जीवन के कई महत्वपूर्ण पाठ सिखाते हैं. उदाहरण के रूप में उन्होंने महाभारत से मित्रता और व्यवहार की सीख का जिक्र किया.
विश्वास ने कहा कि मैं एक बार फिर से कह रहा हूं कि अपने बच्चों को रामायण और महाभारत पढ़ाएं. इसे पढ़ाने से आपको और आपके बच्चों को फायदा होगा, मुझे भी हुआ है. उन्होंने मजाकिया ढंग से उदाहरण देते हुए कहा कि मुझे महाभारत पढ़ने के बाद पता चला कि अगर मित्र दुर्योधन निकल जाए तो उसके रथ से उतर कर भाग जाओ नहीं तो आप भी करण की तरह मारे जाओगे. कुमार ने आगे कहा कि उस कारण से मत पढ़ों जो मैने पहले कहा था लेकिन इस कारण से पढ़ लो. किसी भी कारण से पढ़ो लेकिन पढ़ो जरुर.
कुमार ने आगे अपने ऊपर दिए गए बयान का जवाब देते हुए कहा कि मैंने अयोध्या जाने के लिए चार्टर कर लिया तो उसपर सवाल उठने लगे. लोगों ने कहा कि राम का नाम लेने वाले चार्टर में यात्रा कर रहे हैं. तो मैं आपसे पूछता हूं कि ये कहां लिखा गया है कि चार्टर में हराम वाले ही जाएंगे, राम वाले नहीं जाएंगे. कुमार ने मेरठ में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बयान दिया था. जिसके बाद उनके बयान को लेकर विवाद शुरु हो गए थे. उनपर शत्रुघ्न सिन्हा और उनकी बेटी सोनाक्षी को निशाने पर लेने का आरोप लगाया गया. हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका बयान किसी विशेष व्यक्ति पर नहीं था. यह केवल एक सामान्य संदर्भ था.
कवि ने कहा था अगर अपने घर के बच्चों को रामायण और महाभारत के बारे में बताया जाए तो आपके घर की लक्ष्मी किसी और के यहां नहीं जाएगी. केवल घर का नाम रामायण रखने से नहीं होता है. लोगों ने उनके इस बयान को सोनाक्षी सिन्हा और जहीर इकबाल की शादी से जोड़ा था. आए दिन कुमार विश्वास के वीडियो वायरल होते रहते हैं जिससे उन्हें सराहना और आलोचना दोनों का सामना करना पड़ता है.