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India Daily

'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान पाकिस्तान को बेवकूफ बनाने के लिए भारत ने कैसे इस्तेमाल किया डमी विमान?

ऑपरेशन सिंदूर ने भारत की सैन्य ताकत और रणनीतिक कौशल को विश्व मंच पर प्रदर्शित किया. यह ऑपरेशन न केवल आतंकवाद के खिलाफ भारत के कड़े रुख को दर्शाता है.

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Edited By: Mayank Tiwari
Indian Air Force used dummy aircraft
Courtesy: Social Media

भारत ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए घातक आतंकी हमले के जवाब में ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में नौ आतंकी ठिकानों पर सटीक सैन्य कार्रवाई की. इस ऑपरेशन ने न केवल आतंकवाद के खिलाफ भारत की दृढ़ता को दर्शाया, बल्कि भारतीय वायुसेना (IAF) की रणनीतिक चालबाजी ने पाकिस्तानी सेना को भी स्तब्ध कर दिया.

न्यूज एजेंसी एएनआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, रक्षा मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि भारतीय वायुसेना ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के चीनी निर्मित वायु रक्षा प्रणालियों को निष्क्रिय करने के लिए डमी विमानों का इस्तेमाल किया, जो असली लड़ाकू विमानों की तरह लगते थे.

ऑपरेशन की रणनीतिक शुरुआत

बीते 9-10 मई की रात को भारत ने पाकिस्तान की 12 प्रमुख वायुसेना अड्डों में से 11 पर हमला किया. इस हमले से पहले, भारतीय वायुसेना ने मानवरहित लक्ष्य विमानों को भेजा, जो असली लड़ाकू विमानों की तरह लगते थे. इन डमी विमानों ने पाकिस्तानी रडारों को भ्रमित कर दिया, जिसके परिणामस्वरूप पाकिस्तान ने अपनी HQ-9 मिसाइल प्रणालियों को सक्रिय कर दिया. इससे उनकी स्थिति उजागर हो गई, और भारतीय सेना को हमला करने का मौका मिला.

 एएनआई के अनुसार, पाकिस्तानी वायुसेना ने अपनी सभी HQ-9 वायु रक्षा मिसाइल प्रणालियों और रडारों को विभिन्न स्थानों पर तैनात किया, जिनमें से कुछ नए ठिकानों पर भी थे. लेकिन जैसे ही इन्हें सक्रिय किया गया, भारतीय सेना ने इनका पता लगा लिया.

मिसाइल हमलों की ताकत

भारतीय वायुसेना ने इसके बाद ब्रह्मोस, स्कैल्प, रैम्पेज, और क्रिस्टल मेज मिसाइलों के साथ लंबी दूरी के हमले किए. इस अभियान में लगभग 15 ब्रह्मोस मिसाइलों का उपयोग किया गया. इन हमलों ने पाकिस्तान के वायुसेना नेटवर्क में हवाई पट्टियों, हैंगर, और संचार ढांचे को नष्ट कर दिया. सूत्रों के अनुसार, सिंध में एक हवाई चेतावनी विमान और कई लंबी दूरी के ड्रोन भी क्षतिग्रस्त हुए। रक्षा सूत्रों ने बताया कि यह ब्रह्मोस मिसाइल प्रणाली का सक्रिय युद्ध में पहला відом उपयोग था.

पाकिस्तान की हार और युद्धविराम की मांग

रक्षा सूत्रों ने एएनआई को बताया कि भारतीय हमले इतने तीव्र थे कि पाकिस्तानी पक्ष ने अपनी वायु रक्षा प्रणाली के पतन के बाद जवाबी कार्रवाई की सभी योजनाओं को त्याग दिया. इसके बजाय, उन्होंने तत्काल DGMO वार्ता का अनुरोध किया ताकि भारत के साथ एक 'समझौता' हो सके और सैन्य कार्रवाइयों को रोका जा सके.

जानिए क्या है ऑपरेशन सिंदूर!

इस अभियान के लिए विमान पैकेज मुख्य रूप से पश्चिमी वायु कमान और दक्षिण-पश्चिमी वायु कमान के क्षेत्रों से नियंत्रित किए गए. पाकिस्तानी वायुसेना द्वारा किए गए जमीनी हमले, बैलिस्टिक मिसाइलों, हवाई हमले वाली क्रूज मिसाइलों, और मानवरहित युद्धक विमानों को भारत की S-400, MRSAM, और आकाश वायु रक्षा मिसाइल इकाइयों के साथ-साथ अन्य पुरानी प्रणालियों ने नाकाम कर दिया.

भारत-पाकिस्तान युद्धविराम समझौता

पिछले सप्ताह भारत और पाकिस्तान ने जमीन, हवा, और समुद्र में सभी शत्रुतापूर्ण गतिविधियों पर तत्काल युद्धविराम की घोषणा की. हालांकि, युद्धविराम समझौते के कुछ ही घंटों बाद, जम्मू और कश्मीर में ड्रोन गतिविधियों और विस्फोटों की खबरें आईं, जिसके जवाब में भारतीय सुरक्षा बलों ने हवाई खतरों को निष्प्रभावी करने के लिए वायु रक्षा प्रणालियों को सक्रिय किया.