HP Exam Postponed: हिमाचल में आपदा का कहर! HPPSC ने बदली वन सेवा परीक्षा की तारीख, जानें अब कब होंगे एग्जाम

HP Exam Postponed: हिमाचल प्रदेश में आई भीषण आपदा की वजह से हिमाचल प्रदेश वन सेवा (प्रारंभिक) परीक्षा 2025 को पोस्टपोन कर दिया गया है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखू ने सोशल मीडिया पर छात्रों की परेशानियों को देखते हुए इसकी घोषणा की और नई तारीख अस्थायी रूप से 5 अक्टूबर 2025 तय की गई है.

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Babli Rautela

HP Exam Postponed: हिमाचल प्रदेश में आई आपदा का असर अब कॉम्पिटिशन इग्जाम पर भी पड़ने लगा है. राज्य सरकार और लोक सेवा आयोग ने हिमाचल प्रदेश वन सेवा (प्रारंभिक) परीक्षा 2025 को पोस्टपोन करने का फैसला किया है. इग्जाम पहले 7 सितंबर 2025 को आयोजित होनी थी, लेकिन अब इसे अस्थायी रूप से 5 अक्टूबर 2025 तक टाल दिया गया है.

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखू ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X पर इसकी जानकारी साझा करते हुए कहा, 'मुझे सोशल मीडिया और दूसरे माध्यमों से आपके संदेश भी मिले हैं, जिनमें परीक्षा पोस्टपोन करने की मांग की गई थी. आपकी भावनाओं और कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए, परीक्षा पोस्टपोन करने और इसे बाद की तारीख में आयोजित करने का निर्णय लिया गया है.'

पोस्टपोन हुए कॉम्पिटिशन इग्जाम

मुख्यमंत्री सुखू ने छात्रों को प्रोत्साहित करते हुए आगे लिखा, 'मैं आप सभी की कड़ी मेहनत, समर्पण और भावनाओं का तहे दिल से सम्मान करता हूं. मेरा अनुरोध है कि आप अपनी तैयारी जारी रखें.' हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग (HPPSC) ने प्रेस नोट जारी कर यह साफ किया कि भारी बारिश और आपदा की स्थिति को देखते हुए परीक्षा कराना अभी संभव नहीं है.

नोटिस में कहा गया, 'दिनांक 15-07-2025 के प्रेस नोट के क्रम में, जिसके तहत हिमाचल प्रदेश वन सेवा (प्रारंभिक) परीक्षा-2025, 07-09-2025 के लिए निर्धारित की गई थी, सभी संबंधितों को सूचित किया जाता है कि हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग ने खराब मौसम के कारण उक्त परीक्षा को 05-10-2025 (अस्थायी रूप से) तक पोस्टपोन करने का फैसला लिया है.'

सोशल मीडिया पर उम्मीदवारों की मांग

कई उम्मीदवारों ने सोशल मीडिया पर परीक्षा पोस्टपोन करने की अपील की थी. उनका कहना था कि आपदा के कारण सड़क मार्ग बंद हैं, संचार व्यवस्था बाधित है और परिवार कठिन परिस्थितियों से गुजर रहे हैं. इन हालात में परीक्षा की तैयारी और उसमें शामिल होना मुश्किल था. सरकार ने इन मांगों को गंभीरता से लिया और उम्मीदवारों के हित में यह निर्णय किया.