नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोमवार को उपराष्ट्रपति सी.पी. राधाकृष्णन का राज्यसभा के नए सभापति के रूप में स्वागत किया. इस दौरान उन्होंने पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अप्रत्याशित इस्तीफे का भी जिक्र किया, जिन्होंने जुलाई में स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा दे दिया था. खड़गे की टिप्पणी पर संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने तीखी प्रतिक्रिया दी.
राज्यसभा में विपक्ष के नेता खड़गे ने राधाकृष्णन का नए सभापति के रूप में स्वागत करते हुए अपनी पारंपरिक टिप्पणी की, लेकिन कहा कि सदन को धनखड़ के लिए भव्य विदाई समारोह आयोजित करने का अवसर नहीं मिला. खड़गे ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि आप बुरा नहीं मानेंगे कि मुझे आपके पूर्ववर्ती के राज्यसभा के सभापति के पद से पूरी तरह अप्रत्याशित और अचानक इस्तीफे का जिक्र करना पड़ रहा है, जो संसदीय इतिहास में अभूतपूर्व है. सभापति पूरे सदन के संरक्षक होने के नाते, जितना सरकार का है, उतना ही विपक्ष का भी है.
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, "मुझे इस बात का दुख है कि सदन को उन्हें विदाई देने का अवसर नहीं मिला. बहरहाल, पूरे विपक्ष की ओर से मैं उनके स्वस्थ जीवन की कामना करता हूं." इस पर भाजपा सदस्यों ने नारेबाजी शुरू कर दी.
खड़गे पर पलटवार करते हुए, भाजपा नेता और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने धनखड़ के इस्तीफे का मुद्दा "गंभीर अवसर" पर उठाने की जरूरत पर सवाल उठाया. इसके बाद उन्होंने विपक्ष पर धनखड़ के खिलाफ अतीत में "अभद्र भाषा" का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया.
रिजिजू ने विपक्षी सदस्यों के विरोध प्रदर्शन शुरू करने पर कहा कि विपक्ष के नेता ने ऐसे मामले का उल्लेख क्यों किया जिसे इस समय उठाना आवश्यक नहीं था? मैं सदन को पूर्व उपराष्ट्रपति का अपमान करने के लिए इस्तेमाल की गई भाषा की याद दिलाना चाहता हूं. आपने पूर्व उपराष्ट्रपति के खिलाफ जो अभद्र भाषा का प्रयोग किया था और जो निष्कासन प्रस्ताव आपने पेश किया था, जिसकी एक प्रति अभी भी हमारे पास है, उसे हम नहीं भूले हैं.
खड़गे और विपक्षी सदस्यों से धनखड़ के इस्तीफे के बारे में बात करने से बचने की अपील करते हुए रिजिजू ने कहा, "जरा सोचिए कि आपने आसन की गरिमा को कितना धूमिल किया है. हमें लोकतंत्र में सभी का सम्मान करना चाहिए. यह दुर्भाग्यपूर्ण है." अपने संबोधन के दौरान खड़गे ने राधाकृष्णन को कांग्रेस के साथ उनके पिछले जुड़ाव की याद दिलाई और उनसे निष्पक्ष रहने का आग्रह किया, तथा चेतावनी दी कि भाजपा की ओर कोई भी झुकाव "खतरनाक" हो सकता है.