Gautam Adani On Hindenburg: अमेरिकी फर्म हिंडनबर्ग की ओर जारी की गई रिपोर्ट के एक साल बाद गौतम अडानी का बड़ा बयान सामने आया है. अमेरिकी फर्म ने अडानी ग्रुप के शेयर्स पर एक रिपोर्ट जारी की थी, जिसके बाद अडानी ग्रुप को काफी नुकसान उठाना पड़ा था. रिपोर्ट के जारी होने के करीब एक साल बाद अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी ने रिपोर्ट को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी.
गौतम अडानी ने आरोप लगाते हुए कहा कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट अडानी ग्रुप को अस्थिर करने की साजिश थी. उन्होंने ये भी कहा कि अमेरिका फर्म की रिपोर्ट का उद्देश्य भारत में मौजूदा प्रशासन को बदनाम करने का एक प्रयास था. यह टिप्पणियाँ अमेरिका स्थित निवेश अनुसंधान फर्म हिंडनबर्ग द्वारा अदानी समूह के शेयरों पर एक रिपोर्ट प्रकाशित करने के एक साल से अधिक समय बाद आई हैं।
गौतम अडानी ने कहा कि अमेरिका के इन्वेस्टमेंट रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग ने पिछले साल, 24 जनवरी को हम पर एक रिपोर्ट जारी की थी. इसका उद्देश्य सिर्फ हमें अस्थिर करना नहीं था, बल्कि भारत की शासन प्रथाओं को राजनीतिक रूप से बदनाम करना भी था. हमारी नींव को हिलाने की कोशिशों के बावजूद, हम दृढ़ रहे, न केवल अपनी प्रतिष्ठा की रक्षा की बल्कि ये भी सुनिश्चित किया कि हम अपने काम पर ध्यान केंद्रित रखें.
#WATCH | Mumbai: On the shorting that Adani Group had to go through, Chairman Gautam Adani says, "..Last year, January 24, we were subject to a massive attack by a US short seller. The objective was just not to destabilise us, but also to politically defame India's governance… pic.twitter.com/4O3FkXwuxJ
— ANI (@ANI) March 13, 2024
24 जनवरी, 2023 को हिंडनबर्ग ने अडानी ग्रुप की कंपनियों के खिलाफ अपनी रिपोर्ट पब्लिश की थी. रिपोर्ट में आरोप लगाया गया था कि धोखाधड़ी वाले लेनदेन के साथ-साथ शेयर बाजार में हेरफेर में अडानी ग्रुप शामिल था. हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों में बड़े पैमाने पर गिरावट आई और इन्वेस्टर्स की 111 अरब डॉलर का नुकसान हुआ. जिस वक्त रिपोर्ट जारी हुई थी, उससे ठीक एक दिन पहले तक गौतम अडानी दुनिया के दूसरे सबसे अमीर शख्स थे, लेकिन रिपोर्ट के आने के बाद वे दुनिया के टॉप 20 सबसे अमीर लोगों वाली लिस्ट से भी बाहर हो गए.
पिछले साल शेयरधारकों को जारी एक मैसेज में गौतम अडानी ने कहा था कि हमारे गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर अमेरिकी बेस्ड शॉर्ट सेलर ने एक रिपोर्ट पब्लिश की, जब हम भारत के इतिहास में सबसे बड़ी फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफरिंग (FPO) लॉन्च करने की योजना बना रहे थे. रिपोर्ट का उद्देश्य हमें टार्गेट करना और हमारी कंपनी की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाना था. हमारे स्टॉक की कीमतों में जानबूझकर गिरावट के माध्यम से मुनाफा कमाना था.