नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने बुधवार को एक बड़ी कार्रवाई करते हुए कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के भाई और उसके बेहद करीबी सहयोगी अनमोल बिश्नोई को गिरफ्तार कर लिया है. अनमोल को अमेरिका से डिपोर्ट कर भारत लाया गया, जहां IGI एयरपोर्ट पर पहुंचते ही उसे हिरासत में ले लिया गया. यह गिरफ्तारी पिछले कई वर्षों से चल रही बड़ी जांच का अहम हिस्सा मानी जा रही है. अनमोल 2022 से फरार था.
NIA ने 2023 में दायर अपनी चार्जशीट में अनमोल बिश्नोई पर गंभीर आरोप लगाए थे. जांच में सामने आया था कि 2020 से 2023 के बीच देश में हुई कई आपराधिक और आतंकी गतिविधियों में उसकी अहम भूमिका थी. एजेंसी के अनुसार अनमोल विदेश में रहकर भी अपने भाई लॉरेंस बिश्नोई और कनाडा में मौजूद घोषित आतंकी गोल्डी बराड़ के साथ मिलकर भारत में बड़ी वारदातों को अंजाम दिलवाने की साजिश करता था.
उसकी भूमिका सिर्फ एक सहयोगी तक सीमित नहीं थी बल्कि वह इस नेटवर्क को जोड़कर रखने वाला मुख्य सूत्र माना जाता था. NIA की जांच में यह भी पाया गया कि अनमोल विदेश में सुरक्षित ठिकानों से भारत के शूटरों और ग्राउंड लेवल ऑपरेटिव्स को लगातार शेल्टर, पैसा और लॉजिस्टिक सपोर्ट देता था. वह विदेश से ही एक्सटॉर्शन रैकेट चलाता था और भारत में मौजूद गैंग के सदस्यों को अलग अलग अपराधों और आतंकी गतिविधियों के आदेश देता था.
जांच के अनुसार उसकी सक्रियता ने लॉरेंस बिश्नोई गैंग के टेरर क्राइम नेटवर्क को काफी मजबूती दी थी. अनमोल बिश्नोई को इस मामले में गिरफ्तार किया गया 19वां आरोपी बताया जा रहा है. NIA इस बड़े नेटवर्क को खत्म करने के लिए लगातार सर्च ऑपरेशन्स और तकनीकी जांच कर रही है. एजेंसी का मानना है कि गैंगस्टर और आतंकी गतिविधियों के बीच का यह गठजोड़ देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए बड़ी चुनौती बन चुका था और अनमोल जैसे मुख्य लिंक को गिरफ्तार करना इस नेटवर्क को कमजोर करने की दिशा में अहम कदम है. एजेंसी का लक्ष्य इस नेटवर्क की जड़ें पूरी तरह खत्म करना है ताकि भविष्य में ऐसी आपराधिक और आतंकी गतिविधियों को रोका जा सके.