Ganesh Chaturthi 2025: गणेश चतुर्थी का पर्व इस बार भी पूरे भारत में धूमधाम और आस्था के साथ मनाया जा रहा है. यह सिर्फ धार्मिक आयोजन ही नहीं, बल्कि देश की एकता, संस्कृति और परंपरा का प्रतीक बन चुका है. दस दिनों तक चलने वाले इस महोत्सव में हर क्षेत्र अपनी अनूठी रीति-रिवाजों और परंपराओं के साथ गणपति बप्पा का स्वागत करता है.
गणेश उत्सव का सबसे बड़ा और प्रसिद्ध रूप महाराष्ट्र में देखने को मिलता है. यहां शहरों और गांवों में विशाल पंडाल सजते हैं और भव्य प्रतिमाएं स्थापित की जाती हैं. मुंबई का ‘लालबागचा राजा’ और पुणे का ‘दगडूशेठ हलवाई गणपति’ विशेष आकर्षण का केंद्र रहते हैं. दस दिनों तक भक्तगण पंडालों में दर्शन के लिए उमड़ते हैं और चारों ओर 'गणपति बप्पा मोरया' की गूंज सुनाई देती है. अनंत चतुर्दशी को गणेश प्रतिमाओं का धूमधाम से विसर्जन किया जाता है. लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने इस पर्व को ब्रिटिश शासन में समाज को जोड़ने और एकता बढ़ाने के लिए सार्वजनिक उत्सव का रूप दिया था.
#WATCH | Assam: Devotees throng Ganesh temple in Guwahati and offer prayers to Lord Ganesh on the occasion of Ganesh Chaturthi. pic.twitter.com/KmGZ5RTDFJ
— ANI (@ANI) August 27, 2025
#WATCH | Karnataka: People throng the markets of Bengaluru on the occasion of Ganesh Chaturthi. pic.twitter.com/lWHUf7LywG
— ANI (@ANI) August 27, 2025
#WATCH | Coimbatore, Tamil Nadu | Devotees in huge numbers reach Sri Arulmigu Mundhi Vinayagar Temple to offer prayers on the occassion of Ganesh Chaturthi pic.twitter.com/9tCtHE0sUj
— ANI (@ANI) August 27, 2025
तमिलनाडु, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में यह उत्सव मुख्य रूप से घरों में मनाया जाता है. लोग घर पर मिट्टी की छोटी-छोटी प्रतिमाएं स्थापित करते हैं और विशेष पूजा करते हैं. मोदक और सुंडल जैसे प्रसाद बनाए जाते हैं. यहां विशाल पंडाल और जुलूस कम दिखाई देते हैं, लेकिन घरों में गहरी भक्ति और पारिवारिक माहौल देखने को मिलता है.
#WATCH | Pune, Maharashtra | A procession is being carried out to take Shrimant Dagdusheth Halwai Ganpati idol to the 'Pandal' for 'Sthapana' pic.twitter.com/P6J77wEgo9
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#WATCH | Maharashtra | Aarti performed at the Shri Ganesh Mandir Tekdi in Nagpur on the occasion of #GaneshChaturthi2025. pic.twitter.com/zVAzaWC7bD
— ANI (@ANI) August 27, 2025
बीते कुछ वर्षों में गणेश चतुर्थी उत्तर प्रदेश, बिहार और दिल्ली जैसे राज्यों में भी तेजी से लोकप्रिय हुई है. लोग मोहल्लों और कॉलोनियों में पंडाल लगाकर प्रतिमाएं स्थापित करते हैं. पूजा और आरती की विधियां महाराष्ट्र जैसी ही होती हैं. इसके अलावा, पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए कई जगह इको-फ्रेंडली गणेश प्रतिमाओं का प्रयोग बढ़ रहा है. ये प्रतिमाएं मिट्टी, बीज और प्राकृतिक रंगों से बनाई जाती हैं. भले ही हर क्षेत्र में उत्सव मनाने का तरीका अलग हो, लेकिन भक्ति और आस्था का भाव एक ही है. गणेश चतुर्थी पूरे देश को जोड़ने वाला पर्व है, जो हमें संस्कृति और परंपराओं की एकजुटता का संदेश देता है.