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Ganesh Chaturthi Vrat Rule: गणेश चतुर्थी व्रत में भूलकर भी न करें ये काम, स्थापना से विसर्जन तक, जानें सही पूजन विधि

गणेश चतुर्थी का पर्व भाद्रपद मास की शुक्ल चतुर्थी को मनाया जाता है. श्रद्धालु 10 दिनों तक गणपति की पूजा-अर्चना कर अनंत चतुर्दशी को विसर्जन करते हैं. इस दिन स्नान कर साफ वस्त्र पहनना, सात्विक भोजन करना और गणेश मंत्रों का जाप करना आवश्यक है. व्रत तोड़ने पर उद्यापन जरूरी होता है. वहीं मांसाहार, मदिरा और अपवित्रता से बचना चाहिए.

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Edited By: Km Jaya
Ganesh Chaturthi
Courtesy: Social Media

Ganesh Chaturthi Vrat Rule: गणेश चतुर्थी का पर्व पूरे देशभर में धूमधाम से मनाया जा रहा है. भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में यह पर्व मनाया जाता है. इसे विघ्नहर्ता गणेश की आराधना और आशीर्वाद प्राप्त करने का विशेष दिन माना जाता है. श्रद्धालु घरों और सार्वजनिक पंडालों में मिट्टी की गणेश प्रतिमा स्थापित कर 10 दिनों तक पूजन-अर्चन करते हैं और अनंत चतुर्दशी के दिन गणपति का विसर्जन किया जाता है.

गणेश चतुर्थी न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह संस्कृति, कला और सामूहिक एकता का पर्व भी है. इस दिन विधिवत व्रत-पूजन करने से जीवन में सुख-समृद्धि और विघ्नों का नाश होता है. शास्त्रों और परंपराओं में गणेश चतुर्थी पर कुछ विशेष नियम बताए गए हैं, जिन्हें मानना आवश्यक है.

गणेश चतुर्थी पर क्या करें

  • व्रत वाले दिन प्रातः स्नान कर साफ-सुथरे वस्त्र पहनें.
  • पूजा से पहले घर की अच्छी तरह सफाई करें और गंगाजल से शुद्धिकरण करें.
  • गणपति की प्रतिमा मिट्टी की ही स्थापित करें.
  • पूजा के दौरान भगवान गणेश को दूर्वा, मोदक, नारियल, फल और मिठाई अर्पित करें.
  • सात्विक भोजन ही ग्रहण करें. फल, दूध, खीर, आंवला, सिंघाड़ा जैसे पदार्थ व्रत में फलहार के लिए उचित माने जाते हैं.
  • व्रत का पालन विधिविधान से करें और पूजा के समय गणपति मंत्रों का जाप करें.
  • यदि किसी कारण व्रत तोड़ना पड़े तो उद्यापन अवश्य करें, अन्यथा व्रत निष्फल हो सकता है.

गणेश चतुर्थी पर क्या न करें

  • व्रत और पूजा के दौरान मांसाहार और मदिरा का सेवन न करें.
  • घर में अशुद्धता, गंदगी या असावधानी न रखें.
  • पूजा के समय अपवित्र या गंदे कपड़े न पहनें.
  • गणेश जी की प्रतिमा को अकेले या असावधानी से विसर्जित न करें, इसे विधिपूर्वक और श्रद्धा से ही करें.
  • पूजा के दौरान जल्दबाजी न करें, शांत मन से पूरी श्रद्धा के साथ पूजा संपन्न करें.
  • लोभ या दिखावे के लिए व्रत-पूजन न करें, इसे केवल श्रद्धा और भक्ति से ही निभाना चाहिए.
  • गणेश चतुर्थी पर इन नियमों का पालन करने से व्रत-पूजन फलदायी होता है और भगवान गणेश की कृपा प्राप्त होती है.