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India Daily

'जो भारत आज दिख रहा है, वो मेरा नहीं है', फारूक अब्दुल्ला ने क्यों दिया ऐसा अजीब बयान

दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने देश की वर्तमान परिस्थितियों को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं. उन्होंने भावुक अंदाज़ में कहा कि आज जो भारत बन गया है, वह उनका भारत नहीं है, और उन्होंने इसे स्वीकार करने से इनकार कर दिया. उनका यह बयान केंद्र की मौजूदा नीतियों और जम्मू-कश्मीर की राज्य की हैसियत को लेकर केंद्र सरकार पर सीधा हमला माना जा रहा है.

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Edited By: Kuldeep Sharma
Farooq Abdullah
Courtesy: web

फारूक अब्दुल्ला ने भारत के मौजूदा माहौल को लेकर नाराज़गी जताते हुए कहा कि देश में नफरत और डर का माहौल बनाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि यह उनका भारत नहीं है और वे ऐसा भारत चाहते हैं जहां सभी धर्मों, भाषाओं और क्षेत्रों के लोग एक साथ प्रेम से रहें. उन्होंने केंद्र पर आरोप लगाया कि वह लोगों को झुकाने की कोशिश कर रही है, जबकि यह जनता के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है. फारूक ने जोर देकर कहा कि जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा अवैध रूप से छीना गया है और इसे जल्द से जल्द बहाल किया जाना चाहिए.

फारूक अब्दुल्ला ने साफ कहा कि वे एक मुसलमान हैं और हमेशा रहेंगे, लेकिन साथ ही वे खुद को एक गर्वित भारतीय मुसलमान मानते हैं. उन्होंने कहा कि भारत की आत्मा तभी जीवित रह सकती है जब हर नागरिक को समान अधिकार, सम्मान और स्वतंत्रता मिले. उन्होंने सवाल किया कि क्या यही वो भारत है जिसकी कल्पना हमने आज़ादी के समय की थी?

'न झुकेंगे, न भीख मांगेंगे'

उन्होंने कहा कि देश की मौजूदा सत्ता यह चाहती है कि लोग उनके सामने सिर झुकाएं, लेकिन उन्होंने दो टूक कहा कि वे झुकेंगे नहीं और न ही किसी से भीख मांगेंगे. यह उनका अधिकार है, और वे संविधान के तहत खड़े रहेंगे. उन्होंने यह भी जोड़ा कि भारत किसी एक विचारधारा से नहीं, बल्कि सभी धर्मों और संस्कृतियों की साझी विरासत से बना है.

'राज्य का दर्जा छीना गया, यह अवैध है'

फारूक ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर से उसका राज्य का दर्जा छीनना एक असंवैधानिक कदम था. उन्होंने कहा कि केंद्र को जल्द से जल्द जम्मू-कश्मीर को उसका राज्य का दर्जा वापस करना चाहिए और वहां की जनता को फिर से वही अधिकार मिलने चाहिए जो भारत के अन्य नागरिकों को प्राप्त हैं.