Electoral Bond Scam: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इलेक्शन कमीशन को दिए गए SBI के चुनावी बॉन्ड डिटेल ने कुछ देर के लिए सभी को हिलाकर रख दिया. दरअसल, EC की लिस्ट में कई कंपनियों के नाम हैं, जिन्होंने 2019 से लेकर 2024 तक SBI से चुनावी बॉन्ड खरीदे. फिर इन कंपनियों ने अपनी पसंद की राजनीतिक पार्टियों को इन बॉन्ड्स को चंदे के रूप में दिया, जिसे राजनीतिक दलों ने इनकैश भी कराया. लिस्ट में 'HUB POWER COMPANY' का भी जिक्र है. सोशल मीडिया और कई रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि ये पाकिस्तान की कंपनी है, जिसने 18 अप्रैल को कुल 95 लाख रुपये के 14 बॉन्ड खरीदे.
गौर करने वाली खास बात ये भी कि 14 फरवरी 2019 को कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले के करीब 2 महीने बाद 18 अप्रैल को 'HUB POWER COMPANY' ने चुनावी बॉन्ड खरीदा. हालांकि, ये सामने नहीं आया है कि आखिर ये चंदा किस राजनीतिक पार्टी को मिला. लेकिन, सबसे बड़ा सवाल ये कि क्या 'HUB POWER COMPANY' पाकिस्तान की कंपनी है?
इलेक्शन कमीशन की ओर से 337 पेज के डेटा में न तो अंबानी की कंपनी का जिक्र है, न ही अडानी की कंपनी का. जो नाम सबसे ज्यादा चौंकाने वाला है, वो पाकिस्तानी कंपनी 'HUB POWER COMPANY' का है. दावा किया जा रहा है कि ये पाकिस्तान की कंपनी है, जिसे HUBCO नाम से भी जाना जाता है. इस कंपनी ने 18 अप्रैल 2019 को 14 चुनावी बॉन्ड खरीदा, जिसकी कुल कीमत करीब 95 लाख रुपये थी.
बिजली प्रोड्यूस करने वाली पाकिस्तान की सबसे बड़ी कंपनी HUBCO ने 2019 में उस वक्त चुनावी बॉन्ड खरीदे, जब भारत में लोकसभा चुनाव के लिए वोटिंग चल रही थी. पाकिस्तानी कंपनी HUBCO ने 5 बॉन्ड 1-1 लाख रुपये और बाकी 9 बॉन्ड 10-10 लाख रुपए का खरीदा. सवाल ये कि क्या ये सारा पैसा किसी एक राजनीतिक पार्टी को गया या फिर एक से अधिक पार्टियों तक पहुंचा, इस बारे में जानकारी सामने नहीं आ पाई है.
हब पावर कंपनी लिमिटेड (HUBCO) 3581 मेगावाट की बिजली उत्पादन क्षमता के साथ पाकिस्तान की सबसे बड़ी स्वतंत्र बिजली उत्पादक (IPP) है. इसके अलावा, HUBCO अपनी सहायक कंपनियों के जरिए तेल और गैस, खनन और औद्योगिक संचालन समेत अलग-अलग फील्ड में काम करती है. 1991 में, द हब पावर कंपनी लिमिटेड (HUBCO) को पाकिस्तान में पहली स्वतंत्र बिजली उत्पादक के रूप में स्थापित किया गया था.
सोशल मीडिया और कई रिपोर्ट्स में जिस HUB POWER COMPANY को पाकिस्तान की कंपनी बताया जा रहा है और दावा किया जा रहा है कि उसने भारतीय राजनीतिक पार्टियों को चंदा दिया है. इन रिपोर्ट्स पर संदेश इसलिए भी है, क्योंकि पाकिस्तान खुद तंगहाल से गुजर रहा है. ऐसे में पाकिस्तान की कंपनी भारतीय पार्टियों को चंदा देगी, इस पर संदेह है. दूसरी खास बात ये कि जिस कंपनी का चुनाव आयोग की लिस्ट में जिक्र है, उसने काफी कम रकम के कुल 14 बॉन्ड खरीदे हैं.
चुनाव आयोग की वेबसाइट में जिस HUB POWER COMPANY का जिक्र किया गया है, क्या वो पाकिस्तान की ही कंपनी है. जब हमने इस बारे में पड़ताल की तो गूगल पर सर्च करने पर 'HUB POWER COMPANY' नाम से दो कंपनियों का जिक्र सामने आया. पहली कंपनी तो पाकिस्तान की है, जबकि दूसरी कंपनी भारत की बताई गई.
GST की वेबसाइट पर भी HUB POWER COMPANY का जिक्र है. इस कंपनी के बारे में जिक्र है कि इसका रजिस्ट्रेशन 12 नवंबर 2018 को हुआ है. इसके मालिक का नाम रवि मेहरा बताया जा रहा है. कंपनी का एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिस का पता दिल्ली बताया गया है.
चुनाव आयोग की ओर से अपलोड किए गए आंकड़ों के अनुसार, लॉटरी से लेकर खनन तक, थर्मल पावर से लेकर मोबाइल नेटवर्क तक की कंपनियों ने 2019 से 2024 तक चुनावी बॉन्ड खरीदे. आइए, जानते हैं चुनावी बॉन्ड खरीदने वाली टॉप 20 कंपनियों के नाम, उन्होंने कितने के बॉन्ड खरीदे और कंपनी क्या करती है?
1- फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड ने 1,368 करोड़ के चुनावी बॉन्ड खरीदे. ये कंपनी लॉटरी कारोबार में शामिल है, जिसका मुख्यालय कोयंबटूर में है. कंपनी की स्थापना 1991 में हुई थी.
2- मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने 966 करोड़ के चुनावी बॉन्ड खरीदे. ये कंपनी बांध और बिजली परियोजनाओं में शामिल है. इसका मुख्यालय तेलंगाना में है. कंपनी की स्थापना 1989 में हुई.
3- क्विक सप्लाई चेन प्राइवेट लिमिटेड ने 410 करोड़ के चुनावी बॉन्ड खरीदे. ये कंपनी रसद और आपूर्ति श्रृंखला में शामिल है. कंपनी की स्थापना साल 2000 में हुई थी.
4- हल्दिया एनर्जी लिमिटेड ने 377 करोड़ के बॉन्ड खरीदा. ये कंपनी पश्चिम बंगाल के हल्दिया में स्थित थर्मल पावर प्लांट चलाती है. कंपनी की स्थापना 2015 में हुई.
5- वेदांता लिमिटेड ने 376 करोड़ के बॉन्ड खरीदे. ये कंपनी खनन में शामिल है, जो भारत में एल्यूमीनियम की सबसे बड़ी उत्पादक है. इस कंपनी की स्थापना 1965 में हुई.
6- एस्सेल माइनिंग एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने 225 करोड़ का बॉन्ड खरीदा. ये कंपनी लौह अयस्क खनन में शामिल है, जिसका मुख्यालय मुंबई में स्थित है. कंपनी की स्थापना 1950 में हुई.
7- वेस्टर्न यूपी पावर ट्रांसमिशन कंपनी ने 220 करोड़ का बॉन्ड खरीदा. ये कंपनी बिजली उत्पादन में एक्टिव है. इसकी स्थापना 2009 में हुई.
8- भारती एयरटेल लिमिटेड ने 198 करोड़ के बॉन्ड खरीदे. ये कंपनी मोबाइल नेटवर्क ऑपरेटर है, जिसका मुख्यालय नई दिल्ली में है. कंपनी की स्थापना 1995 में हुई.
9- केवेंटर फूड पार्क इंफ्रा लिमिटेड ने 195 करोड़ के बॉन्ड खरीदे. ये कंपनी डेयरी और एफएमसीजी में एक्टिव है. इसका मुख्यालय कोलकाता, पश्चिम बंगाल में है.
10- एमकेजे एंटरप्राइजेज लिमिटेड ने 192 करोड़ के बॉन्ड खरीदे. ये कंपनी स्टेनलेस स्टील बिजनेस में एक्टिव है. इसका मुख्यालय कोलकाता में है.
11- मदनलाल लिमिटेड ने 186 करोड़ का बॉन्ड खरीदा.
12- यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल ने 162 करोड़ का बॉन्ड खरीदा.
13- उत्कल एलुमिना इंटरनेशनल लिमिटेड ने 145 करोड़ के बॉन्ड खरीदे.
14- डीएलएफ कमर्शियल डेवलपर्स लिमिटेड ने 130 करोड़ के बॉन्ड खरीदे.
15- जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड ने 123 करोड़ के बॉन्ड खरीदे.
16- बीजी शिर्के कंस्ट्रक्शन टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड ने 119 करोड़ के बॉन्ड खरीदे.
17- धारीवाल इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने 115 करोड़ के बॉन्ड खरीदे.
18- अवीस ट्रेडिंग फाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड ने 113 करोड़ के बॉन्ड खरीदे.
19- टोरेंट पावर लिमिटेड ने 107 करोड़ के बॉन्ड खरीदे.
20- बिड़ला कार्बन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने 105 करोड़ के बॉन्ड खरीदे.
भाजपा | 6,060.51 करोड़ रुपये |
तृणमूल कांग्रेस | 1,609.53 करोड़ रुपये |
कांग्रेस | 1,421.87 करोड़ रुपये |
भारत राष्ट्र समिति | 1,214.71 करोड़ रुपये |
बीजू जनता दल | 775.50 करोड़ रुपये |