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देश के एलीट क्लब में शामिल हुआ भारत, DRDO को हाई स्पीड रॉकेट-स्लेड टेस्ट में मिली कामयाबी; राजनाथ सिंह ने की तारीफ

डीआरडीओ ने चंडीगढ़ में फाइटर एयरक्राफ्ट एस्केप सिस्टम का हाई स्पीड रॉकेट स्लेड परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा किया. रक्षा मंत्री ने इसे आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ा कदम बताया.

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Edited By: Km Jaya
DRDO Test India daily
Courtesy: Video Grap

चंडीगढ़: डीआरडीओ ने चंडीगढ़ स्थित टर्मिनल बॉलिस्टिक रिसर्च लेबोरेटरी की रेल ट्रैक रॉकेट स्लेड सुविधा में फाइटर एयरक्राफ्ट एस्केप सिस्टम का हाई स्पीड रॉकेट स्लेड परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा किया है. इस जटिल परीक्षण ने कैनोपी सेवरेंस, इजेक्शन सीक्वेंस और एयरक्रू की सुरक्षित रिकवरी की क्षमता को प्रमाणित कर दिया है.

रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि यह परीक्षण भारत को उन चुनिंदा देशों की श्रेणी में शामिल करता है जो उन्नत एस्केप सिस्टम टेस्टिंग की घरेलू क्षमता रखते हैं. यह परीक्षण डीआरडीओ ने एरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के सहयोग से किया. परीक्षण के दौरान एलसीए विमान के अग्रभाग को एक डुअल स्लेड सिस्टम पर लगाया गया जिसे कई सॉलिड प्रोपेलेंट रॉकेट मोटर्स के फेज्ड फायरिंग द्वारा नियंत्रित गति पर पहुंचाया गया. 

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इस परीक्षण में क्या रहा खास?

इस प्रक्रिया के दौरान लगाए गए एंथ्रोपोमोर्फिक टेस्ट डमी ने सभी महत्वपूर्ण लोड, मोमेंट और एक्सेलेरेशन को रिकॉर्ड किया. इसके साथ ही ग्राउंड और ऑनबोर्ड इमेजिंग सिस्टम ने पूरे परीक्षण क्रम को कैद किया जिससे सिस्टम की सटीकता की पुष्टि की जा सके. इस महत्वपूर्ण परीक्षण को भारतीय वायु सेना और इंस्टीट्यूट ऑफ एयरोस्पेस मेडिसिन के अधिकारियों ने प्रत्यक्ष रूप से देखा. 

अधिकारियों ने क्या बताया?

अधिकारियों का कहना है कि इस सफल परीक्षण से भविष्य में भारत के स्वदेशी विमानन सुरक्षा सिस्टम को और अधिक मजबूती मिलेगी. एस्केप सिस्टम किसी भी लड़ाकू विमान के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होता है और इसकी विश्वसनीयता सीधे पायलट की सुरक्षा से जुड़ी होती है. इस परीक्षण के सफल होने से भारत की आत्मनिर्भरता और रक्षा क्षमता को बड़ा बढ़ावा मिला है.

राजनाथ सिंह ने क्या कहा?

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ, वायु सेना, एडीए, एचएएल और सभी उद्योग सहयोगियों को बधाई दी. उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि भारत की स्वदेशी रक्षा तकनीक को नई दिशा देती है और आत्मनिर्भर भारत मिशन को मजबूत बनाती है. डीआरडीओ के चेयरमैन और रक्षा अनुसंधान विभाग के सचिव डॉ. समीर वी. कामत ने भी टीम को इस सफलता के लिए सराहा है.

उन्होंने कहा कि यह परीक्षण भारत के भविष्य के लड़ाकू विमानों के लिए एक बड़ी उपलब्धि है और आने वाले वर्षों में यह क्षमता रक्षा क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छुएगी.