आज संसद सत्र के दौरान राज्यसभा में मल्लिकार्जुन खरगे का एक अलग ही रूप देखने को मिला. राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष पहले तो अचानक भावुक हो गए. दरअसल मल्लिकार्जुन मंगलवार को राज्यसभा में भाजपा नेता घनश्याम तिवारी की टिप्पणी पर काफी आहत हुए थे. बीजेपी के नेता घनश्याम तिवारी ने मल्लिकार्जुन खरगे के नाम पर कुछ टिप्पणी की थी और उन पर परिवारवाद का आरोप लगाया था. आज जब राज्यसभा की कार्यवाही शुरू हुई तो खरगे अपनी सीट से उठे बोलने लगे कि उनके मां-बाप ने बहुत सोच समझकर उनका नाम रखा था.
राज्यसभा में मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि उनके पिता चाहते थे कि 12 ज्योतिर्लिंग में से एक उनके बेटे का नाम हो. घनश्याम तिवारी को उनके नाम से क्या दिक्कत है, जो उन्होंने ऐसा बोला?.
अपने ऊपर परिवारवाद का आरोप लगने पर राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, 'घनश्याम तिवारी जी ने एक समस्या उठाई कल, जब मैं सदन में नहीं था. राजनीति में मेरा पहला जनरेशन है. इसके पीछे ना तो मेरे पिता जी थे और ना ही मेरी मां थी. पिताजी ने मुझे पाला पोषा. यहां तक मैं उनके आशीर्वाद से पहुंचा हूं. वह 85 में ही गुजर गए'.
‘#WATCH via ANI Multimedia | ...जीना नहीं चाहता’ Rajya Sabha में Kharge ने उदास मन से कही न जीने की बात, Dhankhar का मन हुआ दुखीhttps://t.co/8bYJr0JEAg
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 31, 2024Also Read
इस पर जब सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि 'आप अभी और जिएंगे, आप इससे भी आगे जाएंगे', इस पर खड़गे ने कहा, 'सभापति जी इस माहौल में मैं और जिंदा रहना नहीं चाहता. मुझे बुरा लगा कि तिवारी जी ने कहा कि मैं परिवारवाद से हूं. मल्लिकार्जुन शिव का नाम है. यह शिव का नाम है. 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक हैं. मेरे बाप ने बहुत सोच कर मेरा बारे में ऐसा क्यों कहा.
इसके बाद मल्लिकार्जुन खरगे गरमा गए. उन्होंने आगे कहा, 'अगर मैं परिवारवाद पर निकलूंगा तो यहां बहुत लोग मेरे आंखों के सामने, मेरे बाजू में हैं, मेरे हर तरफ हैं जो पूरा परिवार राजनीति में था और हैं'. इसके बाद सभापति धनखड़ ने खरगे को आश्वासन देते हुए कहा कि 'वह घनश्याम तिवारी के बयान को एक बार फिर से देखेंगे, हालांकि उनका मकसद आपको आहत करने का नहीं था फिर भी मैं बारीकी से अध्ययन करूंगा'.