Divya Pahuja post mortem report autopsy reveals bullet found in head shot at point blank range: हरियाणा के हिसार में अग्रोहा मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों की टीम ने दिव्या पाहुजा के शव का पोस्टमार्टम किया. रिपोर्ट के मुताबिक, दिव्या के सिर में एक गोली पाई गई है. डॉक्टरों ने बताया कि दिव्या को काफी करीब से सिर में गोली मारी गई थी.
हरियाणा के हिसार के अग्रोहा मेडिकल कॉलेज में डॉ. मोहन सिंह के निर्देशन में दो महिला डॉक्टरों समेत चार डॉक्टरों ने पोस्टमार्टम किया. पोस्टमार्टम कराने के बाद शव पाहुजा के परिवार को सौंप दिया गया. परिजन पाहुजा के शव को गुरुग्राम ले गए हैं, जहां अंतिम संस्कार किया जाएगा.
2 जनवरी को 27 साल की पूर्व मॉडल पाहुजा की कथित तौर पर सिटी प्वाइंट होटल के मालिक अभिजीत सिंह (56) ने गुरुग्राम में हत्या कर दी थी. हत्या के 11 दिन बाद यानी 13 जनवरी को उसका शव हरियाणा के फतेहाबाद जिले के टोहाना में एक नहर में मिला. पुलिस के मुताबिक, आरोपी अभिजीत सिंह ने दावा किया कि पाहुजा उसे वीडियो के जरिए ब्लैकमेल कर रही थी. इसी कारण उसने दिव्या की हत्या की. पुलिस के मुताबिक, फिलहाल आरोपी के दावों की जांच पड़ताल की जा रही है.
अब तक, पुलिस ने हत्या के सिलसिले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें अभिजीत सिंह के अलावा हेमराज, ओम प्रकाश, मेघा फोगट (कथित तौर पर हत्या के हथियार और पाहुजा के सामान को छिपाने में सहायता की थी), बलराज गिल (कथित तौर पर शव को ठिकाने लगाया था) शामिल है. पुलिस के मुताबिक, घटना में शामिल रवि बंगा फिलहाल फरार है. आरोप है कि रवि ने दिव्या पाहुजा के शव को बीएमडब्ल्यू कार में ले जाने में मदद की थी.
जानकारी के मुताबिक हत्या के बाद मुख्य आरोपी अभिजीत सिंह ने दिव्या पाहुजा के शव को ठिकाने लगाने में मदद के लिए दिल्ली से बलराज गिल को बुलाया था. शव को बीएमडब्ल्यू कार में ले जाने के लिए रवि बंगा ने भी मदद की थी, जो फिलहाल फरार है. क्राइम ब्रांच ने खुलासा किया कि दोनों को शव को ठिकाने लगाने के लिए 10 लाख रुपये की पेशकश की गई थी.
कथित तौर पर दिव्या 2016 में मुंबई में एक विवादास्पद मुठभेड़ में मारे गए गैंगस्टर संदीप गाडोली की प्रेमिका थी, उस समय उस पर पुलिस की मुखबिर होने का भी आरोप लगाया गया था. पूर्व मॉडल और गैंगस्टर संदीप गाडोली की हत्या के मुख्य आरोपी को पिछले साल जून में बॉम्बे हाई कोर्ट ने जमानत दे दी थी.
बताया जाता है कि दिव्या, उनकी मां और पांच पुलिस कर्मियों के खिलाफ 6 फरवरी, 2016 को मुंबई के एक होटल में कथित फर्जी मुठभेड़ में गाडोली की हत्या का केस दर्ज किया गया था. जमानत मिलने से पहले दिव्या करीब सात साल तक जेल में भी रही थीं.