गुजरात के सूरत शहर में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जिसमें एक 90 साल के बुजुर्ग शख्स ने अपनी पूरी जिंदगी की कमाई जो कि एक करोड़ रुपये से अधिक थी धोखेबाजों के हाथों गंवा दी. आरोपियों ने खुद को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) का अधिकारी बताते हुए बुजुर्ग से झूठ बोलकर उसे धोखा दिया.
धोखाधड़ी का यह मामला एक नई और चौंकाने वाली तकनीक के जरिए अंजाम दिया गया, जिसे 'डिजिटल अरेस्ट' (Digital Arrest) कहा जा रहा है. आरोपियों ने बुजुर्ग से कहा कि उनके नाम पर मुंबई से चीन के लिए एक पार्सल कूरियर किया गया था, जिसमें ड्रग्स की तस्करी की गई थी. इस झूठे आरोप से घबराए बुजुर्ग को इन आरोपियों ने बताया कि उसे 'डिजिटल अरेस्ट' के तहत गिरफ्तार किया जा रहा है, जिससे वह पूरी तरह से भयभीत हो गए.
आरोपियों ने बुजुर्ग से कहा कि अगर वह अपना पैसा और संपत्ति न सौंपे, तो उसकी गिरफ्तारी तय है और उसकी सारी संपत्ति जब्त कर ली जाएगी. इस डर के कारण बुजुर्ग ने बिना किसी जांच-पड़ताल के अपने बैंक खातों से पैसे निकालकर आरोपियों को दे दिए. धोखेबाजों ने बुजुर्ग की असमर्थता और भ्रम का फायदा उठाया और उसे न सिर्फ मानसिक रूप से परेशान किया, बल्कि उसकी पूरी जिंदगी की मेहनत की कमाई भी ले उड़े. 90 साल के इस शख्स को यह समझने में भी देर लग गई कि वह ठगी का शिकार हो चुका है, और जब उसे सच का पता चला, तब तक काफी देर हो चुकी थी.
इस घटना के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है. सूरत पुलिस का कहना है कि यह एक बहुत ही गंभीर अपराध है, जिसमें बुजुर्ग से मानसिक दबाव डालकर उसके पैसे धोखे से हड़प लिए गए हैं. साथ ही, पुलिस ने इस धोखाधड़ी को लेकर लोगों को सावधान रहने की अपील की है.
इस घटना से यह भी साफ होता है कि अब धोखेबाज अपने पुराने तरीकों को छोड़कर डिजिटल और तकनीकी तरीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिससे वे आसानी से किसी भी व्यक्ति को अपने जाल में फंसा सकते हैं. खासकर बुजुर्गों को इन धोखाधड़ी के मामलों से बचने के लिए और ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है.
गुजरात पुलिस अब इस मामले की गहन जांच कर रही है और ऐसे मामलों में बढ़ते हुए धोखाधड़ी के तरीके को लेकर आम जनता को जागरूक करने के लिए अभियान चला सकती है. यह घटना एक चेतावनी के रूप में सामने आई है कि लोग किसी भी तरह के अनजान कॉल्स और ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचने के लिए अतिरिक्त सावधानी बरतें.