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India Daily

पश्चिम बंगाल में बीजेपी अध्यक्ष और लंदन के डॉक्टर की हिरासत ने मचाया सियासी बवाल

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से सवाल किया था कि उनके कार्यकाल में बंगाल में एक भी बड़ा उद्योग क्यों नहीं आया. इस सवाल ने इतना हंगामा मचाया कि विश्वविद्यालय सुरक्षा को हस्तक्षेप करना पड़ा.

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Edited By: Sagar Bhardwaj
detention of West Bengal BJP president and London doctor created political uproar

पश्चिम बंगाल में शुक्रवार को एक नाटकीय घटनाक्रम में कोलकाता पुलिस ने राज्य भारतीय जनता पार्टी (BJP) अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार तथा लंदन स्थित डॉक्टर रजतशुभ्र बनर्जी को हिरासत में लिया. इस घटना ने सियासी तूफान खड़ा कर दिया है.

हिरासत की पृष्ठभूमि और विवाद

यह घटना तब हुई जब सुकांत मजूमदार कोलकाता के हरीश मुखर्जी रोड पर डॉ. रजतशुभ्र बनर्जी के आवास पर पहुंचे. डॉ. बनर्जी इससे पहले मार्च में 'केलॉग कॉलेज लेक्चर' विवाद के कारण चर्चा में आए थे, जहां उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से सवाल किया था कि उनके कार्यकाल में बंगाल में एक भी बड़ा उद्योग क्यों नहीं आया. इस सवाल ने इतना हंगामा मचाया कि विश्वविद्यालय सुरक्षा को हस्तक्षेप करना पड़ा. दक्षिण कोलकाता मूल के ब्रिटिश पासपोर्ट धारक डॉ. बनर्जी को बाद में पुलिस ने रिहा कर दिया.

बीजेपी का आरोप: "लोकतंत्र का गला घोंटा जा रहा"

हिरासत के बाद बीजेपी ने ममता बनर्जी सरकार पर पुलिस का दुरुपयोग कर "विरोध की आवाज को दबाने" और "प्रतीकात्मक इशारों को अपराध बनाने" का आरोप लगाया. बीजेपी की राज्य इकाई ने एक्स पर पोस्ट कर कहा, "बंगाल में स्थिति चिंताजनक है. एक केंद्रीय मंत्री को एक सम्मानित डॉक्टर से मिलने की बुनियादी शिष्टाचार से भी वंचित किया जा रहा है! इससे बड़ा कानूनहीनता और सियासी प्रतिशोध का उदाहरण क्या हो सकता है!"

बीजेपी के अनुसार, जब मजूमदार का काफिला डॉक्टर के आवास के पास पहुंचा, पुलिस ने उसे रोक लिया और दावा किया कि डॉ. बनर्जी "घर पर नहीं हैं". लेकिन बीजेपी ने कहा, "सच्चाई यह है कि डॉक्टर घर पर ही थे और एक घंटे से अधिक समय तक मजूमदार से मिलने का इंतजार करते रहे."

हिरासत और नेताओं की प्रतिक्रिया

डॉक्टर बाद में आवासीय परिसर से बाहर आए और सड़क किनारे बीजेपी अध्यक्ष से मिले, लेकिन पुलिस ने उनकी बातचीत को बीच में रोककर दोनों को बिना कोई कारण बताए हिरासत में ले लिया. दोनों को कोलकाता के लालबाजार पुलिस मुख्यालय ले जाया गया, जहां बीजेपी कार्यकर्ताओं ने विरोध करने की कोशिश की. हिरासत में ले जाए जाते समय मजूमदार ने पत्रकारों से कहा, "हमें किस कारण हिरासत में लिया गया? मुझे कोई जानकारी नहीं. दुनिया में कहीं ऐसा नहीं होता."

रिहाई के बाद डॉ. बनर्जी ने कहा, "क्या एक ब्रिटिश नागरिक के साथ ऐसा व्यवहार किया जाता है? मेरा क्या अपराध है? क्या बंगाल में केंद्रीय मंत्री से मिलना अपराध है? पुलिस को जवाब देना होगा कि मुझे अपराधी की तरह क्यों उठाया गया."

टीएमसी का बचाव
दूसरी ओर, ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने पुलिस कार्रवाई का बचाव किया. टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा, "बीजेपी संवेदनशील क्षेत्रों में जानबूझकर उकसावे की स्थिति पैदा कर रही है. उक्त डॉक्टर का विवाद भड़काने का इतिहास रहा है. पुलिस ने शांति बनाए रखने के लिए कानून के अनुसार कार्रवाई की."