दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को चुनाव खत्म होने के बाद एक बार फिर जेल जाना होगा. उन्हें सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली है. कोर्ट रजिस्ट्रार ने उनकी याचिका की अर्जी ही नहीं सुनवाई की थी. अरविंद केजरीवाल ने एक सप्ताह का एक्सटेंशन मांगा था. उन्होंने अपनी खराब सेहत का जिक्र करते हुए राहत मांगी थी. उन्होंने कहा था कि कुछ टेस्ट कराने हैं, जिनके लिए उन्हें 1 सप्ताह का अतिरिक्त समय चाहिए. सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्रार ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी. अरविंद केजरीवाल की जमानत 1 जून को खत्म हो रही थी. अब उन्हें 2 जून को जेल ही जाना होगा.
अरविंद केजरीवाल की याचिका पर जस्टिस जेके माहेश्वरी और जस्टिस वीके विश्वनाथ की बेंच ने सुनवाई की थी. उनकी तरफ से पेश वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट से कहा था कि अरविंद केजरीवाल डायबिटीज टाइप-2 के पेशेंट हैं. उन्हें PET-CT स्कैन कराना है, इसलिए उनकी जमानत याचिका बढ़ा दी जाए. कोर्ट के फैसले से अरविंद केजरीवाल को तगड़ा झटका लगा है.
अरविंद केजरीवाल को जमानत चुनाव प्रचार के लिए मिली थी. उन्होंने एक याचिका में कहा था कि लोकसभा चुनाव चल रहे हैं, ऐसे में उन्हें जमानत दे दिया. उन्हें साजिश के तहत ईडी ने गिरफ्तार किया था. इन आरोपों पर ईडी ने कहा था कि ऐसा शायद पहला मामला हो जब किसी ने चुनाव प्रचार के लिए जमानत मांगी हो. सुप्रीम कोर्ट से उन्हें 1 जून तक के लिए जमानत मिल गई थी.
क्या हैं अरविंद केजरीवाल पर आरोप?
ईडी ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि अरविंद केजरीवाल दिल्ली की हटाई गई शराब नीति घोटाले के मुख्य साजिशकर्ता हैं. उनके संबंध दक्षिण के धड़े हैं. उन्होंने शराब नीति के बदले मिले पैसों का इस्तेमाल गोवा के चुनावों में किया है. अरविंद केजरीवाल ने इन सभी आरोपों का खंडन किया है. उन्होंने कहा है कि उन्हें दुर्भावना के तहत फंसाया जा रहा है. बीजेपी देश के लोकतांत्रिक ढांचे को खत्म करना चाहती है.