Delhi Liquor Case: जो भी सीएम गया जेल उसे देना ही पड़ा इस्तीफा, फिर कैसे जेल से सरकार चलाएंगे केजरीवाल, जानें पूरा नियम

Delhi Liquor Case: दिल्ली शराब घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सीएम अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया है. गिरफ्तारी के साथ ही AAP के मंत्रियों ने कहा है कि केजरीवाल जेल से ही सरकार चलाएंगे. ऐसे में जान लीजिए कि इसके नियम क्या हैं?

India Daily Live

Delhi Liquor Case: दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दिल्ली शराब घोटाला मामले (Delhi Liquor Case) में गिरफ्तार कर लिया है. उनकी गिरफ्तारी के दौरान सीएम आवास पर काफी हंगामा भी हुआ. केजरीवाल के आवास पर दो मंत्री आतिशी और सौरभ भारद्वाज समेत भारी संख्या में समर्थक पहुंचे. हालांकि पुलिस और पैरा मिलिट्री फोर्स भी तैनात रहीं. इस दौरान केजरीवाल के मंत्रियों ने कहा है कि वे सीएम के पद से इस्तीफा नहीं देंगे, बल्कि जेल से ही सरकार चलाएंगे. 

ऐसे में सवाल उठता है कि एक सीएम की किन परिस्थितियों में गिरफ्तारी हो सकती है? क्या गिरफ्तारी से पहले सीएम को इस्तीफा देना पड़ता है? क्या एक सीएम जेल में रहते हुए सरकार को चला सकता है यानी जेल में रहते हुए (बिना कोर्ट की अनुमति) किसी सरकारी दस्तावेज पर हस्ताक्षर कर सकता है?

पहले जानिए केजरीवाल को कब और कितने समन भेजे गए?

  • 2 नवंबर 2023 को जारी ईडी के समन पर दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने कहा कि ये एक गैरकानूनी और राजनीतिक है. इसलिए वे पेश नहीं होंगे.
  • 21 दिसंबर 2023 को फिर से जारी ईडी के समन को केजरीवाल ने ये कहकर अनदेखा कर दिया कि ये राजनीति से प्रेरित है, इसलिए वे पेश नहीं होंगे. 
  • 3 जनवरी 2024 को ईडी ने तीसरी बार समन जारी किया. इस पर केजरीवाल ने आरोप लगाया कि भाजपा उन्हें चुनाव प्रचार से रोकना चाहती है. इसलिए वे फिर से पेश नहीं हुए.
  • 18 जनवरी 2023 को चौथी बार ईडी ने केजरीवाल को समन जारी किया. इस पर फिर से केजरीवाल ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए पेश होने से इनकार कर दिया.
  • 2 फरवरी 2024 को पांचवीं बार ईडी ने समन जारी किया. इसको केजरीवाल ने फिर से राजनीति से प्रेरित बताया और कहा कि वे पेश नहीं होंगे. 
  • 14 फरवरी 2024 को सातवीं बार प्रवर्तन निदेशालय ने समन जारी किया. इसको भी केजरीवाल ने राजनीति से प्रेरित कहा और पेशी से इनकार कर दिया.
  • 8 मार्च 2024 को आठवीं बार ईडी ने समन भेजा. इस बार केजरीवाल जवाब देने के लिए तैयार हो गए, लेकिन उन्होंने पहले की तरह इस समन को भी गैरकानूनी बताया.
  • 16 मार्च 2024 को ईडी ने नौवीं बार समन जारी किया. इस बार केजरीवाल इसे अवैध बताते हुए दिल्ली हाईकोर्ट पहुंच गए. 
  • 21 मार्च 2024 को प्रवर्तन निदेशालय की टीम 10वां समन लेकर पहुंची. हालांकि इस बार ईडी ने केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया है.  

क्या होते हैं सिविल और क्रिमिनल केस?

दिल्ली के लिए अरविंद केजरीवाल को एक क्रिमिनल केस के तहत गिरफ्तार किया गया है. अब बात आती है कि एक सीएम को गिरफ्तार किया जा सकता है या फिर नहीं? इसके लिए आपको दो बातों को जानना बेहद जरूरी है. केस दो प्रकार के होते हैं. एक सिविल केस और दूसरा क्रिमिनल केस. सिविल केस संपत्ति, पैसा या फिर अधिकारी मामलों में दर्ज होते हैं. इस मामलों में कोड ऑफ सिविल प्रोसिजर की धारा 135 (ए) के तहत पीएम, सीएम, केंद्रीय मंत्री, सांसद (लोकसभा-राज्यसभा) आदि को गिरफ्तारी से छूट मिलती है, लेकिन क्रिमिनल केस में इनकी गिरफ्तारी हो सकती है. ये केस गंभीर धाराओं में दर्ज किए जाते हैं.  

मंत्री आतिशी ने किया है बड़ा ऐलान

कुछ समय पहले झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन को ईडी ने गिरफ्तार किया था. उनके खिलाफ कथिर तौर पर जमीन घोटाले में धनशोधन का आरोप था. गिरफ्तारी से पहले उन्होंने सीएम पद से इस्तीफा दिया था. इसके बाद ईडी ने उन्हें गिरफ्तार किया था. हालांकि दिल्ली की मंत्री आतिशी मार्लेना ने कहा है कि केजरीवाल सीएम के पद से इस्तीफा नहीं देंगे, बल्कि जेल में रहकर सरकार चलाएंगे. एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि लोक प्रतिनिधि अधिनियम 1951 के तहत इस बात का जिक्र नहीं है कि गिरफ्तारी या जेल जाने पर किसी भी नेता को अपने पद से इस्तीफा देना पड़े. वो जेल से भी अपना काम कर सकता है. 

क्या है जेल में रहने के दौरान का नियम?

हालांकि मीडिया रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि जेल के भीतर से सरकार चलाने का कोई प्रावधान नहीं है. अगर कोर्ट से इजाजत ली जाए तो एक को ये संभव है. अगर कोर्ट भी इस अपील को रद्द कर देती है तो फिर कोई चारा नहीं है. इसके साथ ही नियम ये भी है कि जेल में रहते हुए कोई सीएम किसी सरकारी दस्तावेज पर साइन भी नहीं कर सकता है. बिना अनुमति के अगर वो ऐसा करता है तो वो साइन अवैध माना जाएगा. यानी पूरी कहानी घूम फिर कर कोर्ट के आदेश यानी इजाजत पर आकर टिक जाती है.