Atishi Takes Charge: आम आदमी पार्टी (AAP) की नेता ने सोमवार को दिल्ली के आठवें मुख्यमंत्री का पदभार संभाल लिया. इस दौरान उन्होंने आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के सम्मान में अपनी कुर्सी के बगल में एक खाली कुर्सी रखी. उन्होंने कहा कि आज, मैंने दिल्ली के सीएम के रूप में कार्यभार संभाला है. मैं वैसा ही महसूस कर रही हूं जैसा भगवान राम के वनवास जाने के बाद भगवान भरत ने किया था. अरविंद केजरीवाल ने एक नया मानदंड स्थापित किया है, उन्हें झूठे मामले में जेल में रखा गया था.
उन्होंने कहा कि जब तक दिल्ली की जनता उन्हें ईमानदार नहीं मानेगी, तब तक वे दोबारा कुर्सी पर नहीं बैठेंगे. चुनाव नजदीक है. जनता उन्हें फिर से चुनेगी. तब तक ये खाली कुर्सी उनका इंतजार करेगी. दिल्ली विधानसभा का सत्र 26 और 27 सितंबर को बुलाया जाएगा. आतिशी ने केजरीवाल सरकार में अपने पिछले 13 विभागों को बरकरार रखा है, जिनमें शिक्षा, राजस्व, वित्त, बिजली और पीडब्ल्यूडी शामिल हैं.
मुख्यमंत्री की कुर्सी केजरीवाल जी का इंतज़ार करेगी🙏💯
"आज मेरे मन में भी वही व्यथा है, जैसी भगवान राम जी के वनवास जाने पर भरत जी के मन में थी। उन्होंने भगवान राम की खड़ाऊँ रखकर शासन चलाया था।
भगवान राम हम सभी के आदर्श हैं और @ArvindKejriwal जी ने उनके दिखाए मार्ग पर चलते हुए… pic.twitter.com/FVD5cajYS5— AAP (@AamAadmiParty) September 23, 2024Also Read
भाजपा ने आतिशी की ओर से मुख्यमंत्री की खाली कुर्सी को लेकर उठाए गए कदम की निंदा करते हुए केजरीवाल से पूछा कि क्या वे रिमोट कंट्रोल से सरकार चलाएंगे?
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने आतिशी के कार्यभार संभालने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री की मेज पर दो कुर्सियां रखना संविधान, नियम और मुख्यमंत्री के पद का अपमान है. आतिशी जी, ये किसी आदर्श का पालन नहीं है, सीधे शब्दों में कहें तो यह चाटुकारिता है. ऐसा करके आतिशी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की गरिमा के साथ-साथ दिल्ली की जनता की भावनाओं को भी ठेस पहुंचाई है. अरविंद केजरीवाल आपको जवाब देना चाहिए- क्या आप इसी तरह के रिमोट कंट्रोल से दिल्ली सरकार चलाएंगे?
आतिशी ने कहा कि मैं दिल्ली के मुख्यमंत्री के तौर पर चार महीने तक काम करूंगी, जैसे भरत ने भगवान राम की खड़ाऊं को सिंहासन पर रखकर किया था. अरविंद केजरीवाल ने पद से हटकर राजनीति में गरिमा की मिसाल कायम की है. भाजपा ने उनकी छवि खराब करने में कोई कसर नहीं छोड़ी.
अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे के बाद शनिवार को आतिशी ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. वे इस पद पर बैठने वाली सबसे कम उम्र की नेता और राजधानी के इतिहास में तीसरी महिला मुख्यमंत्री बन गई हैं. उनसे पहले सुषमा स्वराज और शीला दीक्षित दिल्ली की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं.
आतिशी कैबिनेट में शामिल सौरभ भारद्वाज को आठ विभाग सौंपे गए हैं, जो आतिशी के बाद सबसे ज्यादा हैं, जिनमें स्वास्थ्य, पर्यटन, कला और संस्कृति शामिल हैं. वहीं, नवनियुक्त मुकेश अहलावत को श्रम, एससी और एसटी, रोजगार, भूमि और भवन विभागों का पोर्टफोलियो दिया गया है.
गोपाल राय ने विकास, सामान्य प्रशासन विभाग, पर्यावरण और वन के अपने पिछले विभागों को बरकरार रखा है. कैलाश गहलोत ने परिवहन, गृह, प्रशासनिक सुधार, महिला और बाल विकास के अपने पहले के विभागों को भी बरकरार रखा है. आतिशी के नेतृत्व में नए मंत्रिमंडल के सामने लंबित परियोजनाओं, योजनाओं और नई पहलों की एक लंबी सूची है, जिन्हें अगले साल फरवरी में दिल्ली में होने वाले चुनावों से पहले आने वाले महीनों में लॉन्च किया जाना है.