नई दिल्ली: दिल्ली में हुए धमाके के मुख्य आरोपी उमर उन नबी के एक पुराने वीडियो के सामने आने के बाद राजनीति और समुदाय स्तर पर तीखी प्रतिक्रिया देखी जा रही है. इस्लाम में आत्महत्या हराम है और निर्दोष लोगों की हत्या एक 'घोर पाप' है.एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने दिल्ली हमलावर उमर उन-नबी के उस वायरल वीडियो पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा है जिसमें उन्होंने आत्मघाती बम विस्फोट को 'शहादत' के बराबर बताया है.
आत्मघाती बम विस्फोट की अवधारणा को गलत समझा गया है, इस आतंकवादी के दावे का खंडन करते हुए, ओवैसी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ' सुसाइड हराम है और निर्दोषों की हत्या इस्लाम में सबसे बड़ा पाप माना गया है. उन्होंने यह भी कहा कि इसे किसी भी तरह से जायज नहीं ठहराया जा सकता और यह सिर्फ आतंकवाद है.'
There is an undated video of Delhi blasts accused Umar Nabi justifying suicide bombing as “martyrdom,” and that it’s “misunderstood.” Suicide is haram in Islam and the killing of innocents is a grave sin. Such acts are also against the law of the land. They are not…
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) November 19, 2025
ओवैसी ने अपने बयान में केंद्र सरकार से कई गंभीर सवाल भी पूछे हैं. उन्होंने पूछा कि जब संसद में आश्वासन दिया गया था कि पिछले छह महीनों में कोई भी कश्मीरी युवक आतंकी संगठनों से नहीं जुड़ा है, तो आखिर यह नया आतंकी मॉड्यूल कहां से आया. उन्होंने कहा कि यह सुरक्षा एजेंसियों की भारी चूक का संकेत है और इसकी जवाबदेही तय होनी चाहिए.
उधर, वीडियो में आरोपी उमर अंग्रेजी में बड़ी सहजता से सुसाइड बॉम्बिंग को इस्लामी सिद्धांत बताते हुए दावा करता दिख रहा है कि इसे गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया है. उसके इस तर्क का मुस्लिम समुदाय के भीतर से भी जोरदार विरोध हुआ है. जम्मू कश्मीर स्टूडेंट्स एसोसिएशन के राष्ट्रीय संयोजक नासिर खुहेमी ने कहा है कि आत्महत्या इस्लाम में हराम है और आत्मघाती हमला तो उससे भी बड़ा अपराध है क्योंकि इसमें निर्दोष लोगों की जान जाती है.
उन्होंने कहा कि कुरान किसी भी परिस्थिति में नागरिकों को निशाना बनाने की अनुमति नहीं देता. दिल्ली धमाके की जांच में यह सामने आया है कि 10 नवंबर की शाम रेड फोर्ट मेट्रो स्टेशन के पास उमर की कार में विस्फोट हुआ था. आरोपी डॉक्टर होने के साथ एक ऐसे आतंकी मॉड्यूल का हिस्सा था जिसमें कई उच्च शिक्षित लोग शामिल थे. इसी वजह से इस वीडियो को भारत में आतंकवाद के नए चेहरे के रूप में देखा जा रहा है.
ओवैसी और अन्य समुदायिक नेताओं का कहना है कि ऐसे विचार इस्लाम की शिक्षाओं के बिल्कुल विपरीत हैं और इन्हें किसी भी सामाजिक, धार्मिक या कानूनी आधार पर स्वीकार नहीं किया जा सकता. समुदाय के कई प्रतिनिधियों ने समाज से जागरूकता बढ़ाने और कट्टरपंथ फैलाने वाले तत्वों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है.