Delhi Exit Polls: चुनाव खत्म होते ही दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर एग्जिट पोल्स के नतीजे जारी किए जाएंगे. एग्जिट पोल्स के नतीजों को देखना रोचक होगा लेकिन उससे पहले दिल्ली में पूर्व में हुए विधानसभा चुनावों के एग्जिट पोल्स पर एक नजर डाल लेते हैं. बात साल 2013 की करते हैं जब दिल्ली की राजनीति में अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (AAP) की एंट्री हुई थी. उस समय के तमाम सर्वे अरविंद केजरीवाल की पार्टी की असल ताकत का अंदाजा लगाने में असफल रहे थे. चलिए, दिल्ली विधानसभा चुनावों के लिए किए गए एग्जिट पोल्स का विश्लेषण करते हैं, खासकर 2013, 2015 और 2020 के चुनावों को लेकर.
2013
2013 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) की शुरुआत हुई थी. सर्वेक्षणों ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) को जीत के करीब रखा, जबकि AAP को एक नए दल के रूप में उभरने का अनुमान था. एग्जिट पोल्स के औसत में बीजेपी को 35 सीटों के आस-पास रखा गया था, जो बहुमत से थोड़ी कम थी. जबकि AAP और कांग्रेस को 17-17 सीटों का अनुमान था.
अंततः चुनाव परिणाम ने सभी पोल्स को चौंका दिया. बीजेपी को 32 सीटें मिलीं, AAP को 28 और कांग्रेस को सिर्फ आठ सीटें मिलीं. ये परिणाम दर्शाते हैं कि एग्जिट पोल्स ने AAP की असली ताकत का सही अंदाजा नहीं लगाया, जो भारतीय जनआंदोलन 'India Against Corruption' से उपजी थी.
2015: AAP की ऐतिहासिक जीत
2015 में दिल्ली विधानसभा चुनावों के लिए किए गए एग्जिट पोल्स ने AAP को स्पष्ट बहुमत का अनुमान तो दिया, लेकिन किसी भी पोल ने AAP की विशाल जीत की कल्पना नहीं की थी. इन पोल्स ने AAP को औसतन 45 सीटों के आस-पास रखा था, जबकि बीजेपी को 24 सीटें और कांग्रेस को केवल एक सीट का अनुमान था.
हालांकि, AAP ने दिल्ली की 70 सीटों में से 67 सीटें जीतकर अपनी जीत को ऐतिहासिक बना दिया. बीजेपी को सिर्फ तीन सीटों पर संतुष्ट होना पड़ा. इस चुनाव में कोई भी पोल AAP के 60 सीटों तक पहुंचने की संभावना का अनुमान नहीं लगा पाया था. सबसे नजदीक जो अनुमान था, वह था Axis My India का, जिसने AAP के लिए 53 सीटों की भविष्यवाणी की थी.
कांग्रेस के लिए पोल्स ने लगभग सर्वसम्मति से अनुमान लगाया था कि वह एक सीट से ज्यादा नहीं जीत पाएगी, और यही हुआ.
2020: AAP का दोबारा शानदार प्रदर्शन
2020 में दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए एग्जिट पोल्स ने फिर से AAP को शानदार जीत का अनुमान दिया था. इस बार पोल्स ने AAP को औसतन 54 सीटें दी थीं, जबकि बीजेपी को 15 सीटें और कांग्रेस को कोई खास स्थान नहीं मिला था. पोल्स ने सही भविष्यवाणी की थी कि AAP स्पष्ट बहुमत के साथ सरकार बनाएगी, लेकिन AAP ने इससे भी ज्यादा सीटें जीतीं – 62 सीटें, जबकि बीजेपी सिर्फ 8 सीटों तक सिमट कर रह गई.
इस बार पोल्स की सटीकता 2015 की तुलना में बेहतर थी. India Today-Axis My India का पोल सबसे नजदीक था, जिसमें AAP को 59 से 68 सीटें मिलने का अनुमान था. अन्य पोल्स में भी AAP की 60 सीटों के आस-पास की भविष्यवाणी की गई थी. वहीं कांग्रेस का प्रदर्शन पूरी तरह से निराशाजनक रहा, क्योंकि लगभग सभी पोल्स ने उसे शून्य से एक सीट के बीच का अनुमान दिया था, और यही हुआ.