देहरादून: उत्तराखंड के मसूरी में स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (LBSNAA) में हाल ही में पूर्णाहुति समारोह आयोजित किया गया, जिसमें 600 से अधिक प्रशिक्षु IAS अधिकारी मौजूद थे. समारोह में मंच पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह थे, जिनका भाषण और वहां का माहौल हंसी-खुशी से भरा हुआ था. लेकिन इसी दौरान उन्होंने एक ऐसा सवाल पूछ दिया, जिसने सभागार को कुछ पलों के लिए स्तब्ध कर दिया.
भाषण के दौरान रक्षा मंत्री ने सहजता से प्रशिक्षुओं से पूछा कि एक आदमी के पास कुछ पैसे थे. उसने आधा A को, एक-तिहाई B को और शेष 100 रुपये C को दिए. बताओ, कुल पैसा कितना था? सवाल आसान लग रहा था, लेकिन प्रशिक्षुओं के चेहरे पर उत्सुकता और तनाव साफ दिखाई दिया.
जब जवाब नहीं आया, तो मंत्री ने प्रश्न दोबारा दोहराया. लगभग आठ सेकंड बाद एक प्रशिक्षु ने उत्तर ‘3000’ दिया, जो कि गलत था. राजनाथ सिंह ने मुस्कुराते हुए कहा, गलत है, फिर सोचिए. इस पर सभागार में हल्की हंसी सुनाई दी और नए प्रयास शुरू हुए.
करीब 49 सेकंड बाद किसी ने ‘600’ कहा. मंत्री ने तुरंत पूछा कि किसने कहा, और सही उत्तर बताने वाले को मंच पर बुलाया. राजनाथ सिंह ने चरणबद्ध तरीके से गणित को समझाया:
मान लें कुल पैसा = A
A/2 दिया गया A को
A/3 दिया गया B को
दोनों को कुल मिला 5A/6
शेष 100 रुपये = A – 5A/6 = A/6
अत: A = 600
सही उत्तर समझाने के बाद पूरे सभागार में तालियों की गड़गड़ाहट गूंज उठी.
उत्तर समझाने के बाद मंत्री ने एक महत्वपूर्ण संदेश भी दिया कि गणित में मान लेने से हल निकल आता है, और जीवन में भी विश्वास बहुत कठिन चीजों को आसान कर देता है. राजनाथ सिंह राजनीति में आने से पहले भौतिकी के व्याख्याता रहे हैं. वे मिर्जापुर के KB पोस्ट-ग्रेजुएट कॉलेज में पढ़ा चुके हैं और गोरखपुर यूनिवर्सिटी से MSc की डिग्री प्राप्त की है.