'दवाएं नहीं, AK-47!' अनंतनाग में डॉक्टर के लॉकर से बरामद हुआ घातक हथियार, पुलिस भी दंग
जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां पुलिस ने अनंतनाग के पूर्व सरकारी डॉक्टर आदिल अहमद राठेर के लॉकर से एक घातक हथियार बरामद किया है. इस खुलासे से सुरक्षा एजेंसियां हैरान हैं.
जम्मू-कश्मीर: जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. अनंतनाग के पूर्व सरकारी डॉक्टर अदील अहमद रदर के लॉकर से पुलिस ने AK-47 राइफल बरामद की है. इस सनसनीखेज खुलासे ने सुरक्षा एजेंसियों को भी हैरान कर दिया है. मामला सामने आने के बाद पुलिस ने डॉक्टर को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है.
जानकारी के अनुसार, डॉक्टर अदील अहमद रदर 24 अक्टूबर 2024 तक जीएमसी (GMC) अनंतनाग में कार्यरत थे. वह जलगुंड, अनंतनाग के निवासी हैं. जब उनके लॉकर की तलाशी ली गई तो अंदर से AK-47 राइफल बरामद हुई. इस अप्रत्याशित बरामदगी के बाद श्रीनगर पुलिस और खुफिया एजेंसियों ने पूरे मामले को गंभीरता से लिया है.
FIR और कानूनी कार्रवाई
इस संबंध में थाना नौगाम में एफआईआर नंबर 162/2025 दर्ज की गई है. मामला भारतीय शस्त्र अधिनियम (Arms Act) की विभिन्न धाराओं के साथ-साथ गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत दर्ज किया गया है. पुलिस का कहना है कि बरामद हथियार और अन्य डिजिटल व फिजिकल सबूतों की फॉरेंसिक जांच कराई जाएगी, ताकि यह पता लगाया जा सके कि हथियार का स्रोत क्या था और इसका इस्तेमाल कहां किया जाना था.
जांच में जुटी एजेंसियां
पुलिस के अनुसार, आरोपी डॉक्टर से गहन पूछताछ की जा रही है. साथ ही, उसके संपर्कों की जांच भी शुरू कर दी गई है. सुरक्षा एजेंसियां यह जानने की कोशिश कर रही हैं कि क्या अदील अहमद का किसी आतंकी संगठन या आतंकी नेटवर्क से कोई संबंध था. डॉक्टर जैसे पेशे से जुड़े व्यक्ति के पास इस तरह का हथियार मिलना सुरक्षा एजेंसियों के लिए चिंता का विषय है. यह घटना दर्शाती है कि आतंक समर्थक तत्व किस तरह से संवेदनशील जगहों में भी अपने नेटवर्क फैलाने की कोशिश कर रहे हैं.
पुलिस की सख्त निगरानी
श्रीनगर पुलिस ने कहा है कि राज्य में कानून-व्यवस्था बनाए रखने और आतंकी गतिविधियों को रोकने के लिए व्यापक स्तर पर तलाशी अभियान चलाया जा रहा है. साथ ही, किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर तुरंत कार्रवाई की जा रही है. अदील अहमद रदर के लॉकर से AK-47 की बरामदगी ने जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा व्यवस्था को झकझोर दिया है. जांच एजेंसियां अब यह सुनिश्चित करने में जुटी हैं कि इस हथियार का इस्तेमाल किसी आतंकी साजिश में तो नहीं होना था.