menu-icon
India Daily

बंगाल की खाड़ी में मोन्था तूफान ने बदला विकराल रूप, आंध्र प्रदेश और ओडिशा में हाई अलर्ट

चक्रवात मोंथा के आज रात आंध्र तट से टकराने की संभावना. ओडिशा में रेड अलर्ट जारी, हजारों लोगों को सुरक्षित निकाला गया. तेज हवाएं और भारी बारिश जारी.

auth-image
Edited By: Reepu Kumari
Cyclone Montha Intensifies Over Bay of Bengal Andhra, Odisha on High Alert
Courtesy: Pinterest

नई दिल्ली: बंगाल की खाड़ी के ऊपर चक्रवाती तूफान मोंथा सोमवार को एक भीषण चक्रवाती तूफ़ान में बदल गया. आंध्र प्रदेश और ओडिशा हाई अलर्ट पर हैं. लोगों को निकालने में तेजी ला रहे हैं और आज रात काकीनाडा के पास आने वाले तूफ़ान की तैयारी कर रहे हैं. 110 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार वाली हवाओं के साथ आने वाले इस तूफान ने तटीय क्षेत्र में पहले ही भारी बारिश और तेज हवाएं शुरू कर दी हैं.

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, चक्रवात मोन्था सोमवार सुबह मछलीपट्टनम से लगभग 190 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिणपूर्व और विशाखापत्तनम से 340 किलोमीटर दक्षिण में केंद्रित था. इस चक्रवात के आज शाम या रात तक मछलीपट्टनम और कलिंगपट्टनम के बीच तट को पार करने की उम्मीद है.

PM मोदी ने दिया आश्वासन

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को आंध्र प्रदेश को हरसंभव केन्द्रीय सहायता का आश्वासन दिया, क्योंकि राज्य उच्च ज्वार, बाढ़ और व्यापक व्यवधान से जूझ रहा है.

आंध्र प्रदेश

तूफान से चित्तूर, तिरुपति और काकीनाडा में सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. चित्तूर जिले के नागरी निर्वाचन क्षेत्र में पिछले चार दिनों से मध्यम से भारी बारिश हो रही है. कुशस्थली नदी के बाढ़ के पानी ने प्रमुख सड़कों को काट दिया है, जिससे अधिकारियों को नागरी शहर और थिरुट्टानी व पल्लीपट्टू जैसे ग्रामीण इलाकों के बीच यातायात रोकना पड़ा है.

समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, पुलिस ने खतरनाक धाराओं के कारण नदी के किनारों तक पहुंच प्रतिबंधित कर दी है, जिससे यातायात को वैकल्पिक मार्गों से मोड़ दिया गया है.

स्थानीय प्रशासन हाई अलर्ट

अधिकारियों ने एहतियाती कदम के तौर पर कृष्णापुरम जलाशय से 1,000 क्यूसेक पानी छोड़ा, जबकि स्थानीय प्रशासन हाई अलर्ट पर रहा. काकीनाडा जिले में, तेज हवाओं ने तट को हिलाकर रख दिया. उप्पदा में समुद्र में उथल-पुथल की खबर है. लहरें अंदर की ओर बढ़ रही थीं, जिससे तटीय कटाव बढ़ गया और मछुआरों में दहशत फैल गई.

पुलिस ने उप्पदा, सुब्बामपेट, मायापट्टनम और सुरदापेट से परिवारों को निकाला क्योंकि समुद्र का पानी अंदर की ओर बढ़ रहा था. तिरुपति के शीर्ष अधिकारी ने बताया कि 75 किलोमीटर लंबी तटरेखा में फैले पाँच तटीय मंडलों में भारी बारिश और तेज़ हवाएँ चलने की संभावना है. आपदा प्रबंधन दल पूरी क्षमता से तैनात हैं.

ओडिशा में रेड अलर्ट

हालांकि मोन्था तूफान आंध्र प्रदेश में दस्तक देगा, ओडिशा इसके व्यापक प्रभाव के लिए तैयार है. राज्य सरकार ने मंगलवार से भारी बारिश और तेज़ हवाओं की आशंका के चलते आठ दक्षिणी जिलों - मलकानगिरी, कोरापुट, नबरंगपुर, रायगढ़, गजपति, गंजम, कालाहांडी और कंधमाल - में रेड अलर्ट जारी किया है. राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री सुरेश पुजारी ने निकासी अभियान की निगरानी करते हुए कहा, 'हमारा लक्ष्य शून्य हताहत होना है.'

सरकार ने 1,445 चक्रवात आश्रय स्थल खोले हैं और एनडीआरएफ, ओडीआरएएफ और अग्निशमन सेवाओं से 140 बचाव दल तैयार किए हैं. गजपति जिले के पहाड़ी इलाकों पर विशेष ध्यान दिया गया है, जहाँ भूस्खलन की संभावना है. पुजारी ने कहा कि चक्रवात का प्रभाव अगले 48 घंटों में और अधिक बढ़ने की आशंका के चलते निचले इलाकों से 32,000 लोगों को निकालने का काम चल रहा है.

पश्चिम बंगाल

आईएमडी ने मंगलवार से दक्षिणी पश्चिम बंगाल में, खासकर कोलकाता, हावड़ा, हुगली, दक्षिण 24 परगना, और पूर्व एवं पश्चिम मेदिनीपुर में भारी बारिश और गरज के साथ छींटे पड़ने की चेतावनी दी है. हवा की गति 80-90 किमी प्रति घंटे तक पहुंच सकती है, जिससे समुद्र में जाने से बचने की सलाह दी गई है.

दक्षिण 24 परगना में तटीय पुलिस ने सार्वजनिक घोषणाएं शुरू कर दी हैं. ट्रॉलरों से सोमवार शाम तक लौटने का आग्रह किया है. जिला प्रशासन ने नियंत्रण कक्ष खोल दिए हैं और राहत सामग्री का भंडारण कर लिया है.

इस बीच, चक्रवात के अंदरूनी इलाकों में पहुँचने के साथ ही उत्तर बंगाल में 29 अक्टूबर से बारिश बढ़ने की संभावना है. राज्य के कृषि विभाग ने किसानों को फसल के नुकसान को कम करने के लिए धान की कटाई पूरी करने की सलाह दी है.

तमिलनाडु

दक्षिण में, तमिलनाडु के उत्तरी जिले चेन्नई, तिरुवल्लूर, कांचीपुरम और रानीपेट सोमवार को भारी बारिश से भीग गए. क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, मोन्था चेन्नई से लगभग 480 किलोमीटर पूर्व में बंगाल की खाड़ी में स्थित है.

उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और तूफानी पानी निकासी के प्रयासों की समीक्षा की.

उन्होंने कहा, 'आईएमडी ने हमें बताया है कि अगले 10 दिनों में बहुत ज़्यादा बारिश नहीं होगी. अगर होती भी है, तो हमारी सरकार तैयार है.'

उड़ानें प्रभावित, ट्रेनें रद्द

चक्रवाती तूफान के कारण हवाई यात्रा प्रभावित हुई. खराब मौसम के कारण विशाखापत्तनम और चेन्नई के बीच छह उड़ानें रद्द कर दी गईं.

इंडिगो ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर यात्रियों को सलाह दी कि वे हवाई अड्डे पर जाने से पहले उड़ान की स्थिति की जांच कर लें. इसके लिए उन्होंने विजयवाड़ा, विशाखापत्तनम और राजमुंदरी के आसपास चक्रवात की स्थिति और भारी बारिश का हवाला दिया.

ट्रेन सेवाएं भी प्रभावित हुईं, रेलवे ने कई सेवाएं रद्द कर दीं और कुछ समय के लिए रोक दीं . हावड़ा-जगदलपुर समलेश्वरी एक्सप्रेस अब रायगढ़ में ही समाप्त हो जाएगी, जबकि हीराखंड एक्सप्रेस और इंटरसिटी एक्सप्रेस जगदलपुर खंड को छोड़कर केवल रायगढ़ और भुवनेश्वर या राउरकेला के बीच ही चलेंगी.