India Pakistan War: भारतीय लोकतंत्र की खुली आलोचना संस्कृति पर पाकिस्तान सेना के बयान का करारा जवाब देते हुए विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने शुक्रवार को कहा कि यह किसी भी सक्रिय लोकतंत्र की पहचान है कि जनता अपनी सरकार से सवाल पूछती है. उन्होंने तंज कसते हुए कहा, ''पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता को शायद यह देख कर बड़ी हैरानी हो रही है कि भारत में लोग सरकार की आलोचना कर सकते हैं. यह किसी खुले लोकतंत्र का संकेत है. पाकिस्तान का इससे अनभिज्ञ होना कोई नई बात नहीं है.''
भारतीयों की सरकार पर टिप्पणी पर बौखलाए पाक अधिकारी
बता दें कि पाकिस्तानी सेना के मीडिया विंग आईएसपीआर के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने एक प्रेस ब्रीफिंग में भारत के नेताओं, सोशल मीडिया यूज़र्स और आम लोगों की टिप्पणियों को उजागर किया, जिसमें उन्होंने सरकार की आलोचना की थी. इस पर भारत ने साफ किया कि यह लोकतांत्रिक व्यवस्था का एक स्वाभाविक पहलू है, जिसे पाकिस्तान शायद ही समझ पाए.
भारतीय वायुसेना का सटीक और सुनियोजित जवाब
वहीं पश्चिमी मोर्चे पर पाकिस्तान की बढ़ती आक्रामकता के बीच भारत ने सख्त और रणनीतिक प्रतिक्रिया दी है. विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने जानकारी दी कि पाकिस्तान ने ड्रोन, लंबी दूरी के हथियार और फाइटर जेट्स के जरिए नागरिक क्षेत्रों और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया. उन्होंने कहा, ''हमारी वायुसेना ने रफीकी, मुरीद, चकलाला, रहीम यार खान, सुक्कुर और चुनिया में पाकिस्तानी वायुसेना के ठिकानों को बहुत ही सटीक तरीके से निशाना बनाया.'' इसके अलावा पसरूर और सियालकोट में स्थित रडार और विमान बेस को भी लक्ष्य बनाया गया.
नुकसान सीमित, भारत ने टाला बड़ा खतरा
इसके अलावा विंग कमांडर ने बताया कि ''भारतीय सशस्त्र बलों ने अधिकतर हमलों को नाकाम किया और बड़े पैमाने पर नुकसान से बचाव किया गया. हालांकि उधमपुर, पठानकोट, आदमपुर और भुज जैसे एयरबेस पर कुछ हद तक नुकसान हुआ है.'' उन्होंने जोर देकर कहा, ''हमारी जवाबी कार्रवाई में केवल चिन्हित सैन्य ठिकानों को ही निशाना बनाया गया ताकि आम नागरिकों को कोई नुकसान न पहुंचे.''