नई दिल्ली: कांग्रेस ने आगामी बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) चुनाव को लेकर बड़ा राजनीतिक निर्णय लिया है. पार्टी ने स्पष्ट किया है कि वह यह चुनाव किसी भी दल के साथ गठबंधन किए बिना अकेले लड़ेगी. इस फैसले की पुष्टि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रमेश चेन्निथला ने शनिवार को ANI न्यूज एजेंसी से बातचीत में की.
चेन्निथला ने कहा कि कांग्रेस पूरी तरह से बीएमसी चुनावों के लिए तैयार है और पार्टी स्तर पर बैठकों का दौर चल रहा है. उन्होंने साफ किया कि कांग्रेस ने संगठनात्मक मजबूती के दम पर स्वतंत्र रूप से मैदान में उतरने का निर्णय लिया है.
कांग्रेस का यह फैसला ऐसे समय पर सामने आया है, जब मुंबई की राजनीति तेजी से करवट ले रही है. शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे के बीच बढ़ती नजदीकी ने राजनीतिक माहौल को और दिलचस्प बना दिया है.
कभी एक-दूसरे के कट्टर विरोधी माने जाने वाले ठाकरे परिवार के ये दोनों नेता अब इस बात पर सहमत नजर आ रहे हैं कि अगर मुंबई हाथ से निकल गई तो ठाकरे परिवार की राजनीतिक विरासत को गंभीर नुकसान हो सकता है.
उद्धव ठाकरे के लिए बीएमसी चुनाव बेहद अहम माने जा रहे हैं. 2022 में शिवसेना में हुए विभाजन के बाद यह चुनाव उनकी राजनीतिक प्रासंगिकता को फिर से स्थापित करने का बड़ा मौका हो सकता है. बीएमसी पर नियंत्रण उद्धव गुट के लिए सियासी ताकत और संगठनात्मक पकड़ का प्रतीक माना जाता है.
वहीं राज ठाकरे इस चुनाव को मराठी अस्मिता और सांस्कृतिक पहचान से जोड़कर देख रहे हैं. MNS खुद को महाराष्ट्र की भाषाई और सांस्कृतिक पहचान के संरक्षक के रूप में पेश कर रही है. हालांकि अभी तक शिवसेना (UBT) और MNS के बीच किसी औपचारिक गठबंधन की घोषणा नहीं हुई है, लेकिन राजनीतिक सूत्रों का कहना है कि अगले सप्ताह दोनों दल बीएमसी चुनाव को लेकर साझा रणनीति का ऐलान कर सकते हैं.
कांग्रेस फिलहाल महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी (MVA) गठबंधन का हिस्सा है, जिसमें शिवसेना (UBT) और शरद पवार गुट की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP - SP) शामिल हैं. इसके बावजूद कांग्रेस का अकेले चुनाव लड़ने का फैसला गठबंधन के भीतर मतभेद के संकेत देता है.
गौरतलब है कि 2024 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में MVA को बड़ा झटका लगा था. भाजपा के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन ने इन चुनावों में भारी जीत दर्ज की थी. इसके बाद से ही विपक्षी दल अपनी रणनीति पर पुनर्विचार कर रहे हैं.
बीएमसी के साथ-साथ राज्य के 29 नगर निगमों, 32 जिला परिषदों और 336 पंचायत समितियों के लिए मतदान 15 जनवरी को कराया जाएगा. मतगणना 16 जनवरी को होगी. बीएमसी देश का सबसे समृद्ध नगर निगम माना जाता है, इसलिए इसका चुनाव न सिर्फ मुंबई बल्कि पूरे महाराष्ट्र की राजनीति की दिशा तय करने वाला माना जा रहा है.