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India Daily

शशि थरूर ने PM मोदी की फिर से की सार्वजनिक तौर पर तारीफ, कांग्रेंस के जख्मों को फिर से किया हरा!

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने फिर प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ की है. उन्होंने कहा कि पीएम का भाषण विकास, उपनिवेशवादी मानसिकता और भारतीय शिक्षा के पुनर्निर्माण पर केंद्रित था.

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Edited By: Km Jaya
Shashi Tharoor Praises PM India daily
Courtesy: @jameelsjam and @PMOIndia x account

नई दिल्ली: कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने मंगलवार को एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की खुलकर सराहना की. थरूर का यह बयान कांग्रेस नेतृत्व को पसंद नहीं आया है क्योंकि यह पहली बार नहीं है जब उन्होंने प्रधानमंत्री की तारीफ की है. थरूर ने एक्स पर एक पोस्ट में बताया कि उन्हें एक निजी कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया था जहां पीएम मोदी ने विकास के लिए भारत की रचनात्मक अधीरता और उपनिवेशवादी मानसिकता से बाहर निकलने की आवश्यकता पर जोर दिया. 

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने भारत को उभरती हुई मार्केट नहीं बल्कि उभरता हुआ मॉडल बताया है. थरूर के मुताबिक प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में कहा कि भारत ने महामारी और वैश्विक संकटों के बीच भी आर्थिक मजबूती दिखाते हुए अपने विकास पथ को बनाए रखा है. पीएम मोदी ने कहा कि उन्हें हमेशा चुनाव मोड में काम करने का आरोप लगाया जाता है लेकिन वे वास्तव में भावनात्मक मोड में रहते हुए लोगों की समस्याओं को दूर करने की कोशिश कर रहे हैं.

क्या था भाषण का केन्द्र?

भाषण का केंद्र भारत की शिक्षा व्यवस्था पर उपनिवेशवाद के प्रभाव और मैकाले की नीतियों से जुड़े बदलाव पर रहा. थरूर ने बताया कि प्रधानमंत्री के भाषण का एक बड़ा हिस्सा मैकाले द्वारा शुरू की गई उस शिक्षा प्रणाली की आलोचना पर आधारित था जिसने भारतीयों में हीन भावना पैदा की. प्रधानमंत्री ने 10 साल का राष्ट्रीय मिशन चलाने की अपील की जिसमें भारत की विरासत, भाषा और ज्ञान परंपराओं को दोबारा सम्मान दिलाने की बात कही गई.

थरूर ने पीएम की तारीफ में और क्या कहा?

थरूर ने कहा कि कुल मिलाकर प्रधानमंत्री का संबोधन आर्थिक दृष्टिकोण और सांस्कृतिक जागरण का मिश्रण था और वे इसे सुनकर प्रसन्न हुए. यह भी बताया जा रहा है कि कांग्रेस के भीतर थरूर की इस टिप्पणी को अच्छे संकेत के रूप में नहीं देखा जाएगा. पिछले कुछ महीनों में कांग्रेस और थरूर के संबंध लगातार बिगड़ते गए हैं. पहीलगाम आतंकी हमले के बाद सरकारी प्रतिनिधिमंडल में थरूर को भेजे जाने पर भी पार्टी में असहमति की स्थिति बनी थी. थरूर ने पहले भी प्रधानमंत्री के नेतृत्व और ऑपरेशन सिंदूर की सराहना की थी जिससे कांग्रेस के कई नेताओं ने नाराजगी जताई थी.