नई दिल्ली: कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने मंगलवार को एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की खुलकर सराहना की. थरूर का यह बयान कांग्रेस नेतृत्व को पसंद नहीं आया है क्योंकि यह पहली बार नहीं है जब उन्होंने प्रधानमंत्री की तारीफ की है. थरूर ने एक्स पर एक पोस्ट में बताया कि उन्हें एक निजी कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया था जहां पीएम मोदी ने विकास के लिए भारत की रचनात्मक अधीरता और उपनिवेशवादी मानसिकता से बाहर निकलने की आवश्यकता पर जोर दिया.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने भारत को उभरती हुई मार्केट नहीं बल्कि उभरता हुआ मॉडल बताया है. थरूर के मुताबिक प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में कहा कि भारत ने महामारी और वैश्विक संकटों के बीच भी आर्थिक मजबूती दिखाते हुए अपने विकास पथ को बनाए रखा है. पीएम मोदी ने कहा कि उन्हें हमेशा चुनाव मोड में काम करने का आरोप लगाया जाता है लेकिन वे वास्तव में भावनात्मक मोड में रहते हुए लोगों की समस्याओं को दूर करने की कोशिश कर रहे हैं.
Attended PM @narendramodi’s #RamnathGoenkaLecture at the invitation of @IndianExpress last night. He spoke of India's "constructive impatience" for development and strongly pushed for a post-colonial mindset.
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) November 18, 2025
The PM emphasized that India is no longer just an 'emerging market'… pic.twitter.com/97HwGgQ67N
भाषण का केंद्र भारत की शिक्षा व्यवस्था पर उपनिवेशवाद के प्रभाव और मैकाले की नीतियों से जुड़े बदलाव पर रहा. थरूर ने बताया कि प्रधानमंत्री के भाषण का एक बड़ा हिस्सा मैकाले द्वारा शुरू की गई उस शिक्षा प्रणाली की आलोचना पर आधारित था जिसने भारतीयों में हीन भावना पैदा की. प्रधानमंत्री ने 10 साल का राष्ट्रीय मिशन चलाने की अपील की जिसमें भारत की विरासत, भाषा और ज्ञान परंपराओं को दोबारा सम्मान दिलाने की बात कही गई.
थरूर ने कहा कि कुल मिलाकर प्रधानमंत्री का संबोधन आर्थिक दृष्टिकोण और सांस्कृतिक जागरण का मिश्रण था और वे इसे सुनकर प्रसन्न हुए. यह भी बताया जा रहा है कि कांग्रेस के भीतर थरूर की इस टिप्पणी को अच्छे संकेत के रूप में नहीं देखा जाएगा. पिछले कुछ महीनों में कांग्रेस और थरूर के संबंध लगातार बिगड़ते गए हैं. पहीलगाम आतंकी हमले के बाद सरकारी प्रतिनिधिमंडल में थरूर को भेजे जाने पर भी पार्टी में असहमति की स्थिति बनी थी. थरूर ने पहले भी प्रधानमंत्री के नेतृत्व और ऑपरेशन सिंदूर की सराहना की थी जिससे कांग्रेस के कई नेताओं ने नाराजगी जताई थी.